Book Title: Ghar ko Kaise Swarg Banaye
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 140
________________ सकारात्मक सोच के मायने हैं : दूसरों के प्रति अच्छी मानसिकता, काँटों में भी फूलों को ढूँढ़ निकालने की कला। दूसरे के द्वारा ओछा और अपमान भरा व्यवहार करने के बावज़ूद हमारी ओर से प्रेम और मिठास भरा व्यवहार करने का ज़ज़्बा रखना सकारात्मक सोच है । सकारात्मक सोच हमारे भीतर यह अंतरप्रेरणा जगाती है कि कमियाँ देखना कमीनों का काम है और खूबियाँ देखना खूबसूरत लोगों का । विपरीत हालात में चिंतित और अधीर तो कोई भी हो सकता है, लेकिन धैर्य और शांति रखना ही व्यक्ति की आत्म-विजय है, लेकिन गाली के बदले में ग़ाली तो कोई भी निकाल सकता है, लेकिन ग़ाली के बदले में भी गुलाब शरबत का प्याला पिला देना यही है इंसान की सही समझदारी और इस समझदारी का नाम है सकारात्मक सोच । महानताएँ न तो आकाश से टपक कर आती हैं और न ही ज़मीन को फोड़ कर निकलती हैं । महानताओं के दीप हमें स्वयं को जलाने पड़ते हैं । महानता का मतलब है विचार, वाणी और व्यवहार का महान् होना। हालाँकि यह कोई ज़रूरी नहीं है कि हम सब लोग महात्मा गाँधी की तरह महान् बनें, लेकिन यह तो ज़रूरी कि हम अपने मित्रों से अच्छा व्यवहार करें, किसी के साथ दुश्मनी न रखें। सास-बहू, पिता-पुत्र, भाई-भाई अगर सोच को सकारात्मक नहीं रखेंगे तो नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी रोज़ टकराती रहेंगी। आम इंसान की तो छोड़ो, घर वालों के बीच भी दूरियाँ बढ़ जाएँगी। यही वज़ह है कि मैं सबको सकारात्मक सोच की प्रेरणा देता हूँ । मेरे देखे सकारात्मक सोच के जरिये जीवन की नब्बे प्रतिशत समस्याओं का हल निकाला जा सकता है । और तो और, पॉज़िटिव थिंकिंग के फार्मूले से मानसिक रोगों पर भी विजय प्राप्त की जा सकती है। परिवार और भाई-भाई के बीच निरन्तर आ रही दूरियों को पाटा जा सकता है। अब दूरी कैसे बनती है, सो समझिए । आज कल की लड़कियों को साड़ी पहनना माथा-पच्ची का काम लगता है। अच्छा होगा जब आप पढ़ी-लिखी बहु घर ला रहे हैं तो नए युग की लड़की के साथ नई विचार - धारा भी लेकर आएँ । यदि साड़ी पहनने का ही आग्रह है तो गाँव की और कम पढ़ी-लिखी लड़की लाएँ । अपनी पढ़ी-लिखी बहु को सलवार सूट और जिंस पहनने की छूट दें। आप बहु तो लाए हैं एम. बी. ए. । आपकी यह भी ख़्वाहिश है कि वह कमा कर भी लाए और ऊपर से यह भी कि वह अपने सास-ससुर के आगे घूँघट निकाले । अगर आप इस तरह का व्यवहार करेंगे तो बिचारी नई पीढ़ी की बहु का तो दम 139 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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