Book Title: Ghar ko Kaise Swarg Banaye
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 138
________________ ____5. मैं सुबह उठते ही दैनिक कार्यक्रम शुरू करने से पहले किस घंटे में मुझे क्या करना है यह तय करूँगा। जल्दबाजी और अनिर्णय की स्थिति को टालने के लिए हर कार्य धैर्य और दृढ़ता के साथ करूँगा। 6. आज के दिन मैं आधा घंटा शांति, साधना और आराधना के लिए समर्पित करूँगा। मैं ईश्वर का ध्यान करूँगा ताकि अपने जीवन में कुछ नये अर्थों का भी समावेश किया जा सके। 7. मैं आज सहज प्रसन्न रहूँगा। वातावरण विपरीत बन जाने पर स्वयं पर संयम रखूगा और पूरे दिन प्रेम तथा सद्व्यवहार का आनंद लूँगा। आपकी यह सकारात्मकता और रचनात्मकता ही आपको उत्साह और विश्वास से भरी रखेगी। यदि आप अपने 'आज' से खुश नहीं हैं तो दुःखी मत होइए, अपनी मानसिकता बदलिए, जीवन प्रभु का प्रसाद है इसका आनंद लीजिए। अपना रास्ता खुद तलाशिए और ख़ुद ही उस रास्ते के चिराग़ बनिए। 1137 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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