Book Title: Ghar ko Kaise Swarg Banaye
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

Previous | Next

Page 142
________________ हुआ देखें। अगर हम गिलास के खाली भाग पर गौर करेंगे तो सामने वाले की हमसे टीका-टिप्पणी होने लग जाएगी। वहीं भरे हुए भाग पर गौर करेंगे तो सामने वाले की तारीफ़ और अभिवंदना करने की चाहत जगेगी। मूल्य हमेशा गुलाब को दीजिए, काँटों को नहीं। ईश्वर को यह कह कर शिकायतें मत कीजिए कि प्रभु तुमने मुझे कुछ नहीं दिया, बल्कि यह सोचकर शुक्राना अदा कीजिए कि शहर में दस हज़ार लोग हमसे ज़्यादा संपन्न हुए तो क्या हुआ, एक लाख लोग ऐसे भी हैं जो मुझसे काफ़ी दीन हालत में हैं। पॉज़िटिव थिंकिंग रखोगे तो हमेशा प्लस वाला बिन्दु नज़र आएगा। दूसरा है : मिजाज को ठण्डा रखिए। पॉज़िटिव थिकिंग का उसूल हमें समझाता है कि हमें अपना मूड नहीं बिगाड़ना चाहिए और मिजाज को उग्र नहीं होने देना चाहिए। लोग घरों में तो एयर कंडिशनर लगाते हैं, पर दिमाग में हीटर फिटिंग किए रहते हैं। अरे भाई! घर से कहीं ज़्यादा ज़रूरी है दिमाग का कूल होना। पुरानी कहावत है – 'पाँव गरम, पेट नरम, माथा जिसका ठण्डा; घर में आए डॉक्टर तो मारो उसको डण्डा।' सिर को गरम करने से ही डॉक्टर की ज़रूरत पड़ती है। जो अपने दिमाग को सहज व शीतल प्रकृति का रखते हैं उन्हें कभी किसी डॉक्टर से चिकित्सा करवाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। जो बात आप तैश में आकर कहते हैं अगर उसी को प्रेम से कहने की आदत डाल लें तो बगैर किसी प्रयास के आप अपने गुस्से को जीतने में सफल हो जाएँगे। मिजाज अगर गरम होगा तो आदमी बेशर्म होगा। गरम मिजाज हर समय आदमी को आउट ऑफ कंट्रोल रखता है। अच्छा होगा, हम सभी लोग एक खास फार्मूला अपना लें - K.E.P. यानी क्या फ़र्क पड़ता है। कभी कोई टेढ़ा शब्द बोल दे, तब भी यही सोचो – K.E. P. 'क्या फ़र्क पड़ता है।' विपरीत वातावरण बन जाने पर K.E. P. का सिद्धांत व्यक्ति की सोच को सकारात्मक बनाए रखने में सफल हो सकता है। पत्नी ने गुस्से में आकर पति से कहा तुम तो निरे जानवर हो। पति ने मुस्कुराते हुए कहा - तुमने ठीक कहा, तू मेरी जान, मैं तेरा वर। संत तुकाराम से उसकी पत्नी ने खेत से गन्ना तोड़ लाने को कहा। तुकारामजी गन्ने लेकर भी आए, पर चौपाल पर बच्चों ने माँग लिया, सो उनको बाँट दिया। केवल एक गन्ना लेकर घर पहुँचे। पत्नी को गुस्सा आया। गन्ना | 141 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 140 141 142 143 144 145 146