Book Title: Ghar ko Kaise Swarg Banaye
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 128
________________ था । पियरे ने उत्तरी ध्रुव की खोज आत्म विश्वास के सहारे की थी। गैलीलियों ने झूलते लैम्प का आविष्कार आत्म-विश्वास के बल पर ही किया था। आत्म-विश्वास के बल पर ही मात्र सोलह वर्ष की आयु में शिवाजी ने पहला किला फतह कर लिया था । उन्नीस वर्ष की आयु में वाशिंगटन अमेरिका का सेनापति बन गया था। जीवन की हर जीत के पीछे आत्म-विश्वास बंद मुट्ठी का काम करता है । आत्म-विश्वास से पहला फ़ायदा यह है कि व्यक्ति अपने लक्ष्य का निर्धारण करने में सफल होता है। दूसरा लाभ यह है कि वह अपने निर्णय स्वयं ले सकता है। तीसरा फायदा - व्यक्ति का प्रेजेंटेशन भी बेहतर होता है। चौथी बात, वह लोगों के सामने दब्बू बनकर जीने को मजबूर नहीं होता । पाँचवी बात, वह स्वाभिमान और इज़्ज़त की ज़िंदगी जी जाता है। कौन कहता है, आसमान में छेद नहीं हो सकता ? एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो ! तुमने अपनी मानसिकता, विश्वास और आध्यात्मिक शक्तियों को कमजोर कर डाला तो आसमान में तो क्या ज़मीन पर कुल्हाड़ी चलाने से भी छेद नहीं होने वाला। यदि कोई महावीर या बुद्ध, कृष्ण या कबीर, गाँधी या नेल्सन, बिल क्लिंटन या बिल गेट्स बनते हैं तो वे हाथ पर हाथ रखकर बैठने से नहीं बनते बल्कि पुरुषार्थ और आत्म-विश्वास के बल पर बनते हैं। विद्युत् बल्ब के आविष्कारक थॉमस अल्वा एडीसन लगातार सोलह वर्षों तक असफल होते रहे । उसके साथ कार्यरत वैज्ञानिक उसका साथ छोड़कर चले गए। पत्नी ने भी कह दिया कि 'पागल हो गए हो। न जाने कौनसा भूत सवार है कि सोलह सालों से प्रयत्न कर रहे हो फिर भी कुछ हासिल नहीं हुआ।' तब भी एडीसन निराश नहीं हुआ। उसने अपनी कोशिशें जारी रखीं और जब वह सफल हुआ तो दुनिया दूधिया रोशनी से नहा उठी । आत्म-विश्वास संकट मोचक है । आत्म-विश्वास धैर्य की ताक़त है I आत्म-विश्वास अन्तर्मन की ऊर्जा और जीवन की चमक है । यह वह शक्ति है जिसके कारण शरीर में स्फूर्ति होती है, आनंद छा जाता है, चेहरे पर तेज आ जाता है, फुटपाथ पर रहने वाला भी महलों तक पहुँच जाता है। आत्मविश्वास रखने वाला व्यक्ति अवसर के क्षण तुरंत पकड़कर प्रगति के पथ पर 127 www.jainelibrary.org Jain Education International For Personal & Private Use Only

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