Book Title: Ghar ko Kaise Swarg Banaye
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 45
________________ ज़्यादा श्रेष्ठ है। यदि आपको पता चलता है कि आपका बच्चा ग़लत लोगों की संगत में है तो कृपाकर उसे वहाँ से अलग कर लीजिए। अगर आपने उसे वहाँ से नहीं हटाया तो उसके भविष्य और परिवार के लिए आप ख़तरा पैदा कर रहे हैं। बुजुर्गों का दूसरा दायित्व है कि आप केवल उपदेशक ही न बनें, बल्कि अपने बच्चों के लिए आदर्श बनें। जैसा घर का माहौल होगा, जैसा घर का वातावरण होगा, बच्चा वैसा ही विकसित होगा। जो आप कहना चाहते हैं, वैसा करना शुरू कर दीजिए। गांधीजी ने देखा कि उनके पिताजी सिगरेट पीते हैं तो उनके मन में भी सिगरेट पीने की ललक पैदा हुई। इसलिए जब पिताजी ने सिगरेट पीकर जो टुकड़ा फेंक दिया उसे उठाकर उन्होंने एक कश लगाया। संयोग से ऊपर खड़े पिताजी ने उन्हें ऐसा करते देख लिया। वे तमतमाते हुए नीचे उतरे और उन्होंने गांधीजी की पिटाई कर दी। तब गांधी जी ने उनसे कहा-'आप भी तो सिगरेट पीते हैं।' ___आप झूठ बोलते हैं तो बच्चा भी झूठ बोलना सीखेगा। हम कितना भी कहें कि झूठ नहीं बोलना चाहिए, चोरी नहीं करनी चाहिए, सदा सच बोलना चाहिए लेकिन बच्चा प्रतिदिन देख रहा है कि पापा जब देखो तब झूठ बोलते रहते हैं और मुझसे अपेक्षा रखते हैं कि मैं झूठ न बोलूँ। आपका आचरण ही बच्चे के लिए सबसे बड़ा प्रभावी उपदेश है। ऐसा हुआ–फोन की घंटी बजी, बच्चे ने फोन उठाया तो दूसरी ओर से पूछा गया कि विष्णुगोपाल जी हैं! बच्चे ने पूछा-'सर आप कौन हैं ?' 'मैं रामगोपाल हूँ'- उत्तर मिला। बच्चे ने कहा-'सर, मैं देखकर बताता हूँ कि पापा हैं या नहीं।' बच्चा पापा के पास गया और उन्हें सारी बात बताई। पापाजी ने सोचा, 'अरे, यह वही रामगोपाल है जिससे मैंने दस हजार रुपए लिए थे, वापस मांगता होगा, और उन्होंने बेटे से कहा, 'कह दो पापा घर में नहीं हैं।' बेटे ने रिसीवर उठाया और कहा–'सर, पापा कह रहे हैं कि वे घर में नहीं हैं। जैसे ही पिताजी ने यह बात सुनी, उन्हें गुस्सा आ गया। वे तमतमा कर सीधे बच्चे को चांटा रसीद करते हुए बोले, 'बेवकूफ़, मैंने तुझसे क्या यह कहने को कहा था कि पापा कह रहे हैं कि पापा घर में नहीं हैं ?' अब बच्चे को इससे क्या प्रेरणा मिलेगी? वह तो देखेगा कि सच बोलने 44/ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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