Book Title: Ghar ko Kaise Swarg Banaye
Author(s): Chandraprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

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Page 121
________________ शह भी आपकी, सफलता भी आपकी पृथ्वी-ग्रह पर किसी का भी जन्म निरुद्देश्य नहीं होता। प्रत्येक के जन्म की अहमियत एवं सार्थकता है। हमारा जीवन कीड़े-मकोड़ों की तरह अर्थहीन नहीं है। हमारा जन्म और जीवन दोनों उद्देश्ययुक्त हैं। जीवन के प्रति उद्देश्यपूर्ण और सकारात्मक दृष्टि अपनाने पर व्यक्ति अपने प्रत्येक दिन को सार्थक और धन्य करने के लिए प्रयत्नशील हो जाता है। व्यक्ति की मानसिकता के अनुसार ही जीवन और जीवन जीने के मार्ग निर्धारित होते हैं। मानसिकता विचारों को प्रभावित करती है और विचार ही व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं । व्यक्तित्व-निर्माण ही जीवन का धन है। बेहतर विचारों से ही बेहतर मानसिकता और बेहतर व्यक्तित्व निर्मित होता है। यह ज़रूरी है कि हम सभी अपनी मानसिक शक्ति को पहचानें। असाधारण व्यक्ति अपनी मानसिक शक्ति और आध्यात्मिक शक्ति का प्रयोग करके ही असाधारण बनते हैं। शारीरिक कमज़ोरी तो चल जाएगी, लेकिन मानसिक कमज़ोरी जीवन में कामयाबी के पथ पर न पहुँचा सकेगी। 120 | Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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