Book Title: Ghar ko Kaise Swarg Banaye Author(s): Chandraprabhsagar Publisher: Jityasha FoundationPage 21
________________ सामने मत बोलो और दूसरा यह कि वह जो कहे, कर दो । बस, हो गई शान्ति । आप भी इस नुस्खे को अपनाएँ और लाभ उठाएँ । पति-पत्नी के बीच भी संतुलन रखें। दोनों के बीच विश्वास और प्रेम की आत्मा कायम हो । जहाँ दोनों के बीच 'तू-तू, मैं-मैं' चलती रहती है, वहाँ दोनों ही एक-दूसरे से दुःखी रहते हैं । एक पति संतासिंह अपनी पत्नी बंता से इतना अधिक परेशान था कि उसने अपने घर में लेट आना शुरू कर दिया। उसकी पत्नी ने उसे सबक सिखाने की सोची और वह काले कपड़े पहन कर तथा चुड़ैल का मेकअप कर घर के रास्ते में पड़ने वाले कब्रिस्तान के पास खड़ी हो गई । जैसे ही उधर से उसका पति आया तो उसने भयानक आवाज़ निकालते हुए कहा, कौन हो ? कहाँ जा रहे हो ? ठहर जाओ ।' संतासिंह ने पूछा, 'कहिए, मैं आपकी क्या सेवा कर सकता हूँ? बंता ने भयानक आवाज़ में कहा, 'क्या तुम्हें मुझ से डर नहीं लग रहा है? मैं चुड़ैल हूँ ।' पति ने कहा, 'इसमें डरने जैसी क्या बात है? आपकी हमारी तो रिश्तेदारी है। ' चुड़ैल ने पूछा, 'कैसे ?' संतासिंह ने ज़वाब दिया, 'दरअसल मेरी शादी आपकी ही बड़ी बहन से हुई है । ' झगड़ोगे तो दोनों ही परेशान होओगे। प्रेम से रहोगे तो दोनों ही सुखी जीवन जी सकोगे। पति-पत्नी का संबंध तो एक पवित्र सम्बन्ध होता है । यह सम्बन्ध चार बातों पर ही जिया जा सकता है: 1. ट्रस्ट, 2 . टाइम, 3. टॉकिंग और 4. टच । यानी एक-दूसरे पर भरोसा रखिए। एक-दूसरे के लिए समय का भोग दीजिए। आपस में प्रेमपूर्वक बातचीत का सिलसिला जारी रखिए और एक दूसरे को सहयोग देते रहिए । हर पति या पत्नी में चार कमियाँ तो होती ही हैं। यदि आपका पति कोई संत ही होता तो आपसे शादी थोड़े ही करता । और हाँ, पत्नी की आवश्यकताओं और भावनाओं का आप भी ध्यान रखिए। स्त्री का मन कोमल होता है। उसके सिर में दर्द हो तो माथे को सहलाएँ, सिर का बाम लगाएँ, वह इतने से ही अभिभूत हो जाएगी । टॉलस्टाय ने मरने से पहले कहा था कि मेरी पत्नी को तब तक ख़बर न दी जाए, जब तक मैं मर न जाऊँ। क्योंकि अगर वह मेरे सामने होगी, तो वह शांति से मुझे मरने 20 | Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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