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किन कारणों से वस्तु होने पर भी ध्यान में नहीं पाती कारण
न दिखाई देती वस्तु अति निकट
पलक, प्रांखों में काजल अति दुर
रेलवे लाइन पर खड़े तार के स्तम्भ अति सूक्ष्म
रोशनदान की किरण में दिखाई देने
वाली रज किरण बिना मन की अस्थिरता
दर्शन समय मूर्ति पर मुकुट था या नहीं ? अशक्य
स्व कान सिर इन्द्रियमंदता
चश्मे के बिना अक्षरादि मतिमंदता
सोने के टंच, मोती का पानी प्रावरण
ढंकी हुई वस्तु पराभव
सूर्य के तेज में तारे स्वभाव
आकाश, पिशाच समान वस्तु में मिलना
मूग और राई में फेंके हुए इन्हों के दो
चार दाने अन्य लक्ष्य
रूप देखते रस विस्मरण
१० वर्ष पूर्व देखी हुई दर्शन-लब्धि के नाश से
अंधे को कुछ भी गलत समझ या व्युद्ग्रह
पटेल के सोने के जेवर देखने के बाद
ऐसे ही मोह मिथ्यात्व
जीवादि तत्त्व वृद्धावस्था, सन्निपातादि
पूर्व में कई बार परिचय होने पर भी
वैसी बीमारी आदि में वही वस्तु क्रिया किये बिना
छाछ में मक्खन संयुक्त द्रव्य
दूध में पानी प्रशिक्षण
जौहर आदि पहिचान में न पाए देवमाया
कोयले के रूप में परिवर्तित सुवर्ण
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