Book Title: Dravyanuyoga Part 2
Author(s): Kanhaiyalal Maharaj & Others
Publisher: Agam Anuyog Prakashan

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Page 10
________________ प्रकाशकीय अतीत में कुछ शताब्दियों पहले बहुश्रुत आर्य रक्षित ने अनुयोग विभाजित किये थे किन्तु विस्मृत हो गये और नाममात्र शेष रहे। चार अनुयोगों के नाम१. धर्मकथानुयोग २. गणितानुयोग ३. चरणानुयोग ४. द्रव्यानुयोग पूज्य उपाध्यायश्री के मन में संकल्प हुआ कि आगमों को चार अनुयोगों में विभाजित किया जाय। लगभग ५० वर्ष पूर्व आपने अनुयोग सम्पादन का कार्य प्रारम्भ किया था। अनेक विद्वानों से और कुछ श्रुतधर मुनिवरों से मार्गदर्शन प्राप्त किया और कार्य उत्तरोत्तर प्रगति के शिखर पर पहुँचता गया। प्रारम्भ के तीन अनुयोग हिन्दी अनुवाद सहित प्रकाशित हो गये हैं और वे गुजराती अनुवाद के साथ भी प्रकाशित हो रहे हैं। चतुर्थ द्रव्यानुयोग भी प्रकाशित हो रहा है। यह तीन भागों में प्रकाशित हो पाया है। प्रथम भाग के बाद यह द्वितीय भाग पाठकों के सम्मुख रखते हुए हमें अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है। ___ उपाध्यायश्री जी ने बहुत ही परिश्रम किया है। साथ ही उनके सुयोग्य शिष्य श्री विनय मुनि जी 'वागीश' ने भी गुरुदेव के संकल्प को पूर्ण कराने में अथक परिश्रम किया है। जिनशासन चन्द्रिका महासती जी श्री उज्ज्वलकुमारी जी की सुशिष्या डॉ. महासती जी, श्री मुक्तिप्रभा जी, डॉ. दिव्यप्रभा जी, डॉ. अनुपमा जी, श्री भव्यसाधना जी, श्री विरतिसाधना जी ने भी इसके सम्पादन में मूल पाठ मिलान लेखन आदि कार्यों में अनवरत परिश्रम किया है। पं. श्री देवकुमार जी जैन, बीकानेर ने संशोधन आदि कार्यों में, डॉ. धर्मचन्द जी जैन ने आमुख आदि लिखकर योगदान किया है। श्री श्रीचन्द जी सुराना 'सरस' आगरा ने प्रकाशन तथा श्री मांगीलाल जी शर्मा ने पांडुलिपि आदि कार्यों में विशेष योगदान दिया है, अतः हम इनके आभारी हैं। __ मेरे सहयोगी श्री हिम्मतभाई, श्री नवनीतभाई, श्री विजयराज जी, श्री जयन्तिभाई संघवी, डॉ. श्री सोहनलाल जी संचेती आदि का कार्य की प्रगति में विशेष सहयोग प्राप्त हुआ है। श्री घेवरचन्द जी कानूंगा जोधपुर, श्री नेमीचन्द जी संघवी कुशालपुरा, श्री श्रीचन्द जी जैन दिल्ली, श्री गुलशनराय जी जैन दिल्ली, श्री मोहनलाल जी सांड जोधपुर, श्री नारायणचन्द जी मेहता जोधपुर, श्री जेठमल जी चौरिड़या बैंगलोर का इस प्रकाशन में विशेष रूप से आर्थिक योगदान प्राप्त हुआ है अतः हम इन सबके आभारी हैं। -बलदेवभाई डोसाभाई अध्यक्ष आगम अनुयोग ट्रस्ट (७)

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