Book Title: Doha Giti Kosa
Author(s): Sarahpad, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 79
________________ 62 ९५.२ सरहु भणइ आणुत्तरु ८०.२ सरहु भणइ एइ १५४.२ सरहु भणइ खवणा सरहु भणइ जगु १३.३ सरहु भणइ जगु १२५.२ सरहु भणइ णिउत्तणे २५.२ सरहु भणइ भिडि ६४.२ सरहु भणइ मइँ १६.२ सरहु भणइ वढ ६५.२ सरहें गहण १७.१ सरु पुडइणि-दलु ९४.१ सव्व धग्म जइ १५३.१ सव्वाआर-वरु ८१.१ सहजु कप्पु परें ९७.१ सहजु छड्डि सहजु सहजु मा ११०.१ सहज-सहावु हले ७३.२ सहजाणंदु जु ११२.२ सहजें सहजु विबुज्झइ ७८.२ सहजें सहजु विबोहिउ . ११४.२ सहि संसारहिँ १४८ संकएँ खद्धर १५६.१ संसार-अणुवलंभु . १६०.१ सुण्णु णिरंजणु परम-पउ १३६.१ सुण्णु निरंजणु परम-पउ १४०.२ सुण्णु-वि अप्पा ५५.१ सुप्रणहिँ मज्झहिँ सुण्णु १५२.२ सुण्णासुण्ण-वि बुज्झइ १०१.२ सुविणएँ जिवँ १०३.२ सेअ-रहिअ णउ सु होइ सव्वोच्छिन्नं ८४.२ सो आणुत्तरु बुज्झहि ७९.२ सो गुण-हीणु ३३.१ सो जइ लइअइ १२०.२ सो णउ धम्मिउ १५७.२ सो परमेसर कासु ६१.१ सो परमेसुरु परम २६३.२ सो माआमउ ५७.२ सो-वि चितु अचित्तु १५३.२ सो-वि पढिज्जइ २२.२ हउँ पुणु जाणमि १४२.१ हत्थहिँ कंकणु ८२.२ हिअअहिँ कच्च-मणि १२९.१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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