Book Title: Doha Giti Kosa
Author(s): Sarahpad, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

Previous | Next

Page 91
________________ 74 १३१ ३,४ णिहन्द, सअल विआर विमुक्को मणो १३२ ३ संपाणिअ १३३ १ किं विबोहिअ ३ वेवि कोडि ण १३४ १ वेवि ४ पण १३५ १ सअलें उमलइ १३६ ४ चङ्गे १३७ ३ अणुह १३८ ४ सुइणोमाअ १३९ १ चित्त सहावता २ जउ ३ जब्बे ४ तलें खरइ णह तब्बे १४० १ त बुद्ध २ बाज्ज १४२ १ फेडिअ णउ खित्त १४३ २ णिचिन्त १४४ १ लब्भण १४५ ४ सिवसत्ति १४६ १ विणाहि न्तेहिं ४ जागर १४७ ३ णउ जाइअइ णउ सरइ ४ अवित्थिण्ण १४८ ३.४ जसु आइ ण आन्त णउ जाणिअ मज्झ १२९ १,२ निप्पंद, मुक्क-सअल वावारो १३० १ संपाविउ ३ किपि विबोहिअउ १३१ १ बेहिँ कोडिहिँ ३ बेहिँ-वि १३२ २ पुणु ३ सअलें xx १३३ १ उम्मूलइ १३४ २ छंदें १३५ १ अणुहि १३६ २ सुइणउ माअ ३ चित्ति सहावु ता ४ भवु १३७ २ बें-वि जाहिँ २ हले सरइ ण ताहिँ ३ अबुद्ध १३८ २ बुज्झु १३९ २ खेडउ णउ खेत १४१ २ णिच्चितें ३ लब्भइ १४३ २ सिवु ण सत्ति ३ वि णाहिँ तहिँ १४४ २ जागरणु १४५ १ णउ जाअइ णउ ओसरइ २ वित्थिण्णु १४६ १.२ जसु णउ आइ-वि अंतु णउ, णउ जाणिज्जइ मज्झु Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158