Book Title: Doha Giti Kosa
Author(s): Sarahpad, Dalsukh Malvania, H C Bhayani
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 82
________________ The DK reading १ म or 2 २ ww ९ १० १३ १५ १८ १९ ३ ४ १ ४ ४ २० ३ 20 ४ ११ ४ १२ r ४ २ ४ List of Emendations एकदण्डि हंस उएसें इसी खुसखुसाइ णग्गल मोक्ख उबेसें जे त्थविर उएसें वन्देहिअ पब्बज्जिउ चित्त करुअ मइ मवि नाधेउ (Bag. भावइ) एकवि किन्तह दीपे किन्तह मन्तह भावें (T. मन्तह सेज्जे) ४ सो मुञ्चहु जो (अच्छहु धन्धा ) ११ सो, जो १३ २ एत्तवि ३ वुत्तहो भिडि विसअ रमन्ते ण मुच्चअ १५ १ Jain Education International ४ ५ ६ ६ ८ C Emendation (RT) १ ण ३ दंडि ४ हंसुवएसें ३ पइसिअ १ खुसफुसाइ २ णग्गुड ८ मोक्खुवएसें १ जु थविरुवएसें २ वंदएहिं पव्वाजिउ ३ चितकरु सो मइँ २ विभाविउ अहवा झाण अन्धार साधिअअ १६ (T. २१ २ जइ परोक्ख अन्धार म धीअअ ) णउ भावाभाव १० ८ एक्केण ३ किं तहिँ दीपें किं ४ मंतहँ सेज्जें ४ ते मुंचों जे अच्छहिँ धंधा १ स, ज २ एत्थु - वि ३ वुत्तउँ ३ भिडेवि विसय रमंतु णु मुच्चइ २ जइ परोक्खु अंधारे किं थिअ‍ ४ जा लइ उबज्जइ ता लइ बाज्जइ १७ १ (T. २२ १ जल्लइ मरइ उवज्ज बज्झइ ) For Private & Personal Use Only ण भाव- अभाव जा - लइ मरइ उवज्जइ बज्झइ ३, ४ = T www.jainelibrary.org

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