Book Title: Bharat Kshetrana Manvini Simandhar Jin Prati Haiyani Vat
Author(s): Amitgunashreeji
Publisher: Sundar Sahitya Seva Sadan

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Page 13
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir साधना मारी, शक्ति तमारी दिलनी वातो मारी, दिल दई तारवानी महेनत तमारी. कविता कलम मारी, कर्मने हठाबवानी शक्ति आपवी तमारे. शब्दो मारा, समाधि आपवानी तमारे भावना मारी, दयाभाव राखवानो तमारे भक्ति मारी, यक्ति बतावबानी तमारे खुमारी देहनी मारी, खुशी तमारी. मारी एकलतामां तारी एकता मने जोइए छ. मारा पमा तारी जरूरत छ... हे प्रभु ? मळशोने ? हूं तो तारी पांसे बाळक छु.... मारो वातो केवी होय ? गांडी ने घेली · पण एवी काली भाषामां व्हाल अने भक्तिना भावो ज भाँ....मानजे... हे सिमंदर? आ छे मारा दिलनी वात... मने बिनाशना पंथेथी वाळो विकाशना पंथे संचार... तारा दर्शनना भावोयी मारा अंतर- निदर्शन कराव... श्री सूर्यशिशु For Private and Personal Use Only

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