Book Title: Bharat Kshetrana Manvini Simandhar Jin Prati Haiyani Vat
Author(s): Amitgunashreeji
Publisher: Sundar Sahitya Seva Sadan
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दर्शन करी मोक्षगामी बनवा तलसाट अनुभववा लाग्यु. एनी स्मृति चिर रहे, तेमज ए प्रभुनी आराधनानो अनेक आत्मा लाभ लइ शके ए भावनायी अनेक आत्माओने श्री सीमंधरप्रभुनो प्रतिकृति आपदा पूर्वक प्रतिदिन १०८ जाप करवानो अद्भूत नियम आप्यो. आथी अमारी भावनाने वेग मळयो अने पूज्यश्रीनो प्ररणाथी सीमंधरजिननी जीवन झांखी सकल जीवने थाय अने सविशेष आराधन करवा उद्यत थाय तेथी आ पुस्तक प्रगट करवानी भावना जागो. चातुर्मासनी समाप्ति अने पूज्योनो विहार नजदीकमा होइ समयनी अल्पताने कारणे, ने पू. श्री सूर्यशिशु म. अन्य पुस्तकना प्रकाशननी तैयारीमा होवाथी प्रभुना जोवन लेखननो प्रारंभ करो कलमने आगळ वधारवा पू. श्री अमितगुणाश्रीजी म. ने. आज्ञा करी. गुरु माज्ञा तहत्ति करी, अमारी भ वना तेओए पूर्ण करी. आवा सद्गुरुओना उपकार कदी भूलाय तेम नथी.
श्री पार्श्व युवक मंडळ ने पूज्य सूर्यशिशु महाराजनां प्रभु भक्तिनां प्रकाशनो जोइ, मंडळ तरफयो पुस्तक प्रगट करवानी भावना जागृत थतां, पूज्यश्री ने ते भाटे विनंति करी. बाद पूज्यश्रीए स्वरचित स्तवनो आदि तैयार करी, भक्तिनी मसती मामे बुक प्रकाशित करावीने, पोताना ज्ञाननो लाम श्री युवक भंडळ ने आप्यो छे. आवा ज्ञानी गुरुदेवोनो सुयोग सदा प्राप्त याय एवी प्रार्थना साथ विरमीए छोए.
श्री जैन सघ
मद्रास
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