Book Title: Bharat Kshetrana Manvini Simandhar Jin Prati Haiyani Vat
Author(s): Amitgunashreeji
Publisher: Sundar Sahitya Seva Sadan

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Page 27
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प्रेमना पाणोना अमी छांटी जीवन सजीवन करनार कर्णधारनी... अटळमां अटवायेलाने सत्यनो प्रकाश पाडनार कोई मार्गदर्शकनी कारण आत्मानी चाहना सुख अने शांति छ । दुःख अने दर्द एने मान्य नथी। कुदरतनं शासन कोई अगम्य अप्रतिबद्ध छ... "ज्यारे ज्यारे दुनियाना आंगणे हिंसाना तांडव नृत्यो खेलाया छ, तृष्णावा झंडावात उठया छे" सदाचार, सुविचार अने विचार नो दुष्काल पडेलो छ। वैर, विरोध, सोमनी भयंकर प्रलयो सर्जाया छ। धर्मनो नाश नोर्तरायो छे। त्यारे त्यारे कुदरत करुणाळी बनी छे। धरतीना आनंद मांथी आनंदना रंजन भाटे... विखवादमांथी संवादना सुसर्जन भाटे... अशांती भांथी शांती ना स्थापन भाटे... आगना सर्जनमाथी अनुराग ना संयोजन भाटे... असहाय निराधार मां आधार भाटे... करुणाल निष्पक्ष-निसर्ग, जगने अद्वितिय दान करे छे कोई पयगंबर के कोई परमात्माने... पृथ्वीना आंगणे परमात्मा अर्पण... अवनीना आंगणे अरिहंत प्रमुनु आवागमन... For Private and Personal Use Only

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