Book Title: Bharat Kshetrana Manvini Simandhar Jin Prati Haiyani Vat
Author(s): Amitgunashreeji
Publisher: Sundar Sahitya Seva Sadan

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Page 60
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्री सीमंधर स्वामिना जापथी थता महान लाभ परमोपकारक, परमतारक, परमसुश्रध्येय, परमसुगहित नामधेय, अचिन्त्य महामहिमाशाळी, विश्ववंदनीय त्रिलोकेश, जगद्वत्सल, देवाधिदेव श्री सीमंधरस्वामीनू परमोत्कृष्ट भावे आराधन करनार श्री तीर्थकर नामकर्मनो बन्ध करी शके छे. परम तारकश्रीना मंत्रोनो (१,००,०००) एक लाख जाप करनारनी भवस्थितिनो निर्णय थाय छे. अथवा श्री महाविदेहमां उत्पन्न थइने अष्टम वर्षे चारित्रवान थइ नवमा वर्षे केवळज्ञानो बनो शाश्वता धामने प्राप्त करी शके छे. (परंतु जाप शुभ भावथो एकाग्रचित्ते थवो जाइए.) . आवा अपूर्व महामहिमशाळो परमतारक देवाधिदेवश्रीन आराधन एवं उत्तम भावपूर्वकनु हो जोइए के साडात्रण करोड रोमराजीमां आत्माना असंख्य प्रदेशोमाथी परम तारक श्री सोमंधर, सोमंधर नामनो ना नोकळतो जोइए. परम पुनित अमृताराधनमा ध्यानराखवा योग्य खास सूचनाओ __ सामुदायिक अत्यल्लासपूर्वक आराधन, लणे दिन आरंभ समारंभ सर्वथा त्याग, मुख्यतामां उपवास अगर आयंबिल तप, For Private and Personal Use Only

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