Book Title: Bharat Kshetrana Manvini Simandhar Jin Prati Haiyani Vat
Author(s): Amitgunashreeji
Publisher: Sundar Sahitya Seva Sadan

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Page 72
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ॥ श्री सीमंधर जिन स्तवन ॥ . (राग :-मन मोहयुं तुंगौथापुर मगर सोहामणुंजी) सरस्वती सिद्धि बुद्ध विनवू जो, स्वामी ! तमे छो त्रिभुवननाथ जो, प्रभाते उठी तमने वांदोए जी स्वामी ! वेगे वेगे दोयो धर्मलाभ जो, स्वामी सोमंधर मुजने मेळवोजी. स्वामी दिवस दोह्यलो स्वामी हुँ रहयो जी, मारे नयणे जोयुं नवि जाय जो, शुं कर सीमंधरस्वामी वेगळा वस्याजी, हारे हं तो पांख विना रहयो निरधार जो. स्वामी० राग ने द्वषे स्वामी हुँ भयों जी, मुजने नडीओ नडीओ क्रोध कषाय जो, माया ने लोभे स्वामी हुँ भर्योजी, मारी गुंज रही मनमांही जो. स्वामी मात ने बाप बांध व कारमाजी, कारमा कुटुम्ब परिवार जो, आशा विलुद्ध स्वामी हुँ रह्यो जी, मारी काइए न कीधी सारजो... स्वामि० For Private and Personal Use Only

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