Book Title: Bharat Kshetrana Manvini Simandhar Jin Prati Haiyani Vat
Author(s): Amitgunashreeji
Publisher: Sundar Sahitya Seva Sadan

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Page 89
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir -: श्री सीमंधरस्वामी ना दोहा : अनंत चोविशी जिन नमुं, सिद्ध अनंती क्रोड, केवलनाणि स्थविर सवि, बंदु बेकर जोड़. ॥१ ॥ बे कोडी केवलधरा, विहरमान जिन वोश, सहसकोटि युगल नमुं, साधु नमुं निशदिन. ॥२॥ जे चारित्रे निर्मला, जे पंचानन सिंह, विषय कषाय ने गंजिया, ते प्रणमुं निविह. ॥३॥ रंकतणी परे रड़वड़यो, निधणीयो निरधार, श्री सीमंधर साहोबा, तुम बिन कोण आधार. ॥४॥ महाविदेहमां श्री सीमंधर स्वामी, नित्य वन्दु प्रभात, त्रिकरण वली त्रीयोगथी, जपुं अहरनिश जाप. ॥५॥ भरतश्रेत्र मां हुँ रहु, आप रहो छो विमुख, ध्यान लोह चूम्बकपरे, करी दृष्टि सन्मुख. ॥६ ॥ ऋषभ लंछन चरणमा, कंचनवरणी काय, चोतीस अतिशय सोभता, वंदु सदर तुम पाय. ॥ ७ ॥ For Private and Personal Use Only

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