Book Title: Bharat Kshetrana Manvini Simandhar Jin Prati Haiyani Vat
Author(s): Amitgunashreeji
Publisher: Sundar Sahitya Seva Sadan
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निम्ननोकत मंत्र एकेक वार बोली दक्षिणावेत वासक्षेपथी भूमि शुद्धि करवो। एम व्रण वार करतुं । ____ “ॐ भूरिसि भूतधात्रि सर्वभूतहिते भूभिशुद्धिं कुरु कुरु स्वाहा"
-: शरीर शुद्धि मंत्र :"ॐ अमले विमले सर्वतीर्थजले पां पां वां वां अशुचिः शुचिर्भवामी स्वाहा"
आ मंत्र बोलता अंजलिमा सर्वतीर्थोनुं जळ छे. एवं संकल्पोने मस्तकयो पाना तळीया पर्यन्त स्थानथी पवित्र थाउं छु एवो संकल्प करवो।
-: वस्त्र शुद्धि मंत्र :
"ॐ ह्रीं घोंघों पां पां वस्त्रशुद्धिं कुरु कुरु स्वाहा, सूचना:-ज्यारे पग जाप चालु करो त्यारे त्यारे उपर लख्या
प्रमाणे भूमिशुद्धि अने वस्त्रशुद्धि कर्या बाद जाप चालु करवो.
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