Book Title: Bharat Kshetrana Manvini Simandhar Jin Prati Haiyani Vat
Author(s): Amitgunashreeji
Publisher: Sundar Sahitya Seva Sadan
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प्रकरण-छर्छ -: संसार निष्क्रमण :
संसार त्याग करवानी सुफळ आवो गई.
एक वर्ष प्रमजीए व्रण अबज अठ्यासी करोड एसो लाख भहोरनुं दान दाधुं...
जगत्तना दारिद्रय दावानलने दानरूप मेघधारथी सोंची दूर कर्यो.. त्यार बाद इंद्र भगवाने प्रभुना व घोडानी तैयारी करवा लाग्या, इंद्राणीओ मीलने गीता गावा लागो. सौना नेत्रो भोजाणा प्रभुना त्याग पर... उत्सवनी रमजट पर... दीक्षा महोत्सवनो वरघोडो नोकल्यो...
शकेन्द्र ईशानेन्द्र चार धरोने... सनतकुपार छत्र धरीने ब्रह्मेन्द्र दर्पण धरीने, महेन्द्र खडग धराने लांतक इद्र लश धरीने, राकेन्दु स्वस्तिक धरोने, सहस्त्रार धनुष धरीने...प्राण तद्र श्रवत्म धरीने... अश्वतद्र नंदावर्त ग्रहण करने प्रभुनी अगे चालवा लाग्या, अने चमरेन्द्रादि देवा शस्त्र ध रण करीने वरघोडानो शोभा बनो गया...
प्रभु शीबोकामां बेठा छ... माथे मुगट बाजुवध कंठे हार, हाथे कंकण, अंगुलीमा वीटो, अने टीमा रत्नजडान भेवला.... शोभी रहया छ। मंगल तोरण' या घर घर जली रहया छ मंजुल मंडपो भागमां शोभी रहया नगरीमा सुगंधी जलनो
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