________________
१५३
१५६
१६१
१७५
२८, मर्यादा पत्र : मर्यादा महोत्सव का आधार २६. मानवीय एकता के सजग प्रहरी : आचार्य तुलसी 30. परिवर्तन की परंपरा-१ ३१. परिवर्तन की परंपरा-२ ३२. परिवर्तन के लिए व्यापक दृष्टिकोण चाहिए ३३. संघीय अनुशासन ३४. उस संघ को प्रणाम ३५. जैन परंपरा में सेवा का महत्त्व ३६. आवश्यक है संवत्सरी की समस्या का समाधान ३७. जैन शासन की एकता : आचार की कसौटी
१६१ १६८
२०१ २०५
२०६
२१८
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org