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पाठकों के साथ-साथ प्रतिदिन प्रतिक्रमण करने वाले साधक भी अपने लिए उपयोगी पा सकें।
प्रस्तुत आगम प्रकाशन में अनेकानेक सहयोगियों का आशीर्वादात्मक सौजन्य हमें प्राप्त हुआ है, तदर्थ हम उनके आभारी हैं। अंग्रेजी अनुवादन में श्री राजकुमार जी जैन तथा संपादन एवं मुद्रण में श्री विनोद शर्मा (कोमल प्रकाशन दिल्ली) का सहकार भी हमारे लिए अविस्मरणीय रहेगा।
और अंत में
परम पावन पूज्य प्रवर्त्तक गुरुदेव भण्डारी श्री पद्मचन्द्र जी म. के अदृष्ट आशीर्वाद एवं पूज्य प्रवर्तक श्री अमर मुनि जी महाराज के साक्षात् आशीष से तथा 'अमर शिष्य' मुनीश्वर श्री वरुण मुनि जी के विलक्षण मार्गदर्शन से हम इस श्रुतयज्ञ की सम्पूर्णता में शीघ्र सफल होंगे - इसी आशा के साथ
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- महेन्द्र जैन
अध्यक्ष
पद्म प्रकाशन, पद्म धाम, नरेला मण्डी, दिल्ली - 40