Book Title: Agam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ 213 217 220 221 222 224 224 224 225 226 227 231 240 241 चतुर्थ अध्ययन–ब्रह्मचर्य ब्रह्मचर्य की महिमा बत्तीस उपमाओं से मण्डित ब्रह्मचर्य महाव्रतों का मूल : ब्रह्मचर्य ब्रह्मचर्यविघातक निमित्त ब्रह्मचर्य-रक्षक नियम ब्रह्मचर्यव्रत की पाँच भावनाएँ प्रथम भावना-विविक्त-शयनासन द्वितीय भावना-स्त्रीकथावर्जन तृतीय भावना--स्त्रियों के रूप-दर्शन का त्याग चतुर्थ भावना--पूर्वभोग-चिन्तनत्याग पंचम भावना-स्निग्ध-सरस भोजन-त्याग उपसंहार पंचम अध्ययन-परिग्रहत्याग उत्क्षेप धर्मवृक्ष का रूपक अकल्पनीय-अनाचरणीय सन्निधि-त्याग कल्पनीय भिक्षा साधु के उपकरण निर्ग्रन्थों का आन्तरिक स्वरूप निर्ग्रन्थों की 31 उपमाएँ अपरिग्रहवत की पाँच भावनाएँ प्रथम भावना-श्रोत्रेन्द्रिय-संयम द्वितीय भावना-चक्षुरिन्द्रिय-संयम तीसरी भावना-घ्राणेन्द्रिय-संयम चतुर्थ भावना-रसनेन्द्रिय-संयम पंचम भावना---स्पर्शनेन्द्रिय-संयम पंचम संवरद्वार का उपसंहार सम्पूर्ण संवरद्वार का उपसंहार परिशिष्ट 1. उत्थानिक-पाठान्तर 2. गाथानुक्रम सूची 3. कथाएँ '4, विशिष्ट शब्दों एवं नामों का कोश 242 245 247 50 258 256 260 264 wr or or 168 [35] Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org