Book Title: Agam 10 Ang 10 Prashna Vyakaran Sutra Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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________________ विविध कलाएँ भी परिग्रह के लिये] 36. मणिलक्षण-मणियों के शुभ-अशुभ लक्षणों का ज्ञान / 40. काकणीलक्षण-काकणी नामक रत्न के लक्षणों को जानना / 41. चर्मलक्षण-चमड़े की या चर्मरत्न की पहचान / 42. चन्द्रचर्या--चन्द्र के संचार और समकोण, वक्रकोण आदि से उदित हुए चन्द्र के निमित्त से शुभ-अशुभ को जानना। 43. सूर्यचर्या--सूर्यसंचारजनित उपरागों के फल को पहचानना / 44. राहुचर्या-राहु की गति एवं उसके द्वारा होने वाले चन्द्रग्रहणादि के फल को जानना। 45. ग्रहचर्या-- ग्रहों के संचार के शुभाशुभ फलों का ज्ञान / 46. सौभाग्यकर-सौभाग्यवर्द्धक उपायों को जानना। 47. दौर्भाग्यकर-दुर्भाग्य बढ़ाने वाले उपायों को जानना / 48. विद्यागत--विविध प्रकार की विद्याओं का ज्ञान / 46. मंत्रगत–मंत्रों का परिज्ञान / 50. रहस्यगत- अनेक प्रकार के गुप्त रहस्यों को जानने की कला। 51. सभास–प्रत्येक वस्तु के वृत्त-स्वभाव का ज्ञान / 52. चारकला-गुप्तचर, जासूसी की कला। 53. प्रतिचारकला—ग्रह आदि के संचार का ज्ञान एवं रोगी की सेवा-शुश्रूषा का ज्ञान / 54. व्यूहकला---युद्ध के लिए सेना की गरुड़ आदि के आकार में रचना करना / / 55. प्रतिव्यूह-व्यूह के सामने उसके विरोधी व्यूह की रचना करना। 56. स्कन्धावारमान-सेना के शिविर--पड़ाव के प्रमाण को जानना / 57. नगरमान-नगर की रचना सम्बन्धी कुशलता / 58. बास्तुमान-मकानों के मान-प्रमाण को जानना / 56. स्कन्धावारनिवेश--सेना को युद्ध के योग्य खड़ा करने या पड़ाव का ज्ञान / 60. वस्तुनिवेश-वस्तुओं को कलात्मक ढंग से रखने-सजाने का ज्ञान / 61. नगरनिवेश-~यथोचित स्थान पर नगर बसाने का ज्ञान / 62. इष्वस्त्रकला-बाण चलाने-छोड़ने का कौशल / 63. छरुप्रवादकला-तलवार की मूठ आदि बनाना / 64. अश्वशिक्षा-घोड़ों को वाहनों में जोतने आदि का ज्ञान / 65. हस्तिशिक्षा हाथियों के संचालन आदि की कुशलता / 66. धनुर्वेद-शब्दवेधी आदि धनुविद्या का विशिष्ट ज्ञान / 67. हिरण्यपाक, सुवर्णपाक, मणिपाक, धातुपाक-चाँदी आदि को गलाने, पकाने और उनकी भस्म बनाने आदि का कौशल / 68. बाहुयुद्ध, दण्डयुद्ध, मुष्टियुद्ध, यष्टियुद्ध, सामान्ययुद्ध, नियुद्ध, युद्धातियुद्ध आदि अनेक प्रकार के युद्धों सम्बन्धी कौशल / 66. सूत्रखेड, नालिकाखेड, वर्त्तखेड, चर्मखेड आदि नाना प्रकार के खेलों को जानना / 70. पत्रच्छेद्य, कटकच्छेद्य----पत्रों एवं काष्ठों को छेदने-भेदने की कला। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org