Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 01
Author(s): Bechardas Doshi, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 386
________________ सु० ४५-५७] मीससा-वीससापरिणतपोग्गलमेय-पमेयपरूवणाइ ३२७ ५०. जदि पयोगपरिणए किं मणप्पयोगपरिणए ? वइप्पयोगपरिणए ? कायप्पयोगपरिणए ? गोयमा ! मणप्पयोगपरिणए वा, वइप्पयोगपरिणए वा, कायप्पयोगपरिणए वा। ५१. जदि मणप्पओगपरिणए किं सच्चमणप्पओगपरिणए ? मोसमणप्पयोग०१ सच्चामोसमणप्पयो०१ असच्चामोसमणप्पयो० १ गोयमा ! सच्चमणप्पयोग- ५ परिणए वा, मोसमणप्पयोग० वा, सच्चामोसमणप्पं०, असञ्चामोसमणप्प० वा। ५२. जदि सच्चमणप्पओगप० किं आरंभसच्चमणप्पयो० १ अणारंभसचमणप्पयोगपरि०१ सारंभसच्चमणप्पयोग०१ असारंभसच्चमण०१ समारंभसच्चमणप्पयोगपरि० १ असमारंभसच्चमणप्पयोगपरिणए १ गोयमा ! आरंभसच्चमणप्पओगपरिणए वा जाव असमारंभसच्चमणप्पयोगपरिणए वा। १० ५३. [१] जदि मोसमणप्पयोगपरिणए किं आरंभमोसमणप्पयोगपरिणए वा १ एवं जहा सच्चेणं तहा मोसेण वि। [२] एवं सच्चामोसमणप्पयोगपरिणए वि। एवं असच्चामोसमणप्पयोगेण वि। ५४. जदि वइप्पयोगपरिणए किं सच्चवइप्पयोगपरिणए मोसक्यप्पयोग- १५ परिणए ? एवं जहा मणप्पयोगपरिणए तहा वयप्पयोगपरिणए वि जाव असमारंभवयप्पयोगपरिणए वा। -- ५५. जदि कायप्पयोगपरिणए किं ओरालियसरीरकायप्पयोगपरिणए ११ ओरालियमीसासरीरकायप्पयो० २१ वेउब्वियसरीरकायप्प० ३ १ वेउब्वियमीसासरीरकायप्पयोगपरिणए ४१ आहारगसरीरकायप्पओगपरिणए ५१ आहारक- २० मीसासरीरकायप्पयोगपरिणए ६१ कम्मासरीरकायप्पओगपरिणए ७ ? गोयमा ! ओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए वा जाव कम्मासरीरकायप्पओगपरिणए वा। ५६. जदि ओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए किं एगिदियओरालियसरीएकायप्पओगपरिणए एवं जाव पंचिंदियओरालिय जाव परि० १ गोयमा ! एगिदियओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए वा बेंदिय जाव परिणए वा जावा पंचिंदिय जाव परिणए वा। ५७. जदि एगिदियओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए किं पुढविक्काइयएगिदिय जाव परिणए जाव वणस्सइकाइयएगिदियओरालियसरीरकायप्पओग Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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