Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 01
Author(s): Bechardas Doshi, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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सु० १४-२४] विभंगनाणाओ पत्तओहिनाणे लेसाइवत्तव्वया
१७. [१] से णं भंते ! किं सजोगी होजा, अजोगी होजा ? गोयमा ! सजोगी होजा, नो अजोगी होजा।
[२] जइ सजोगी होजा किं मणजोगी होजा, वेइजोगी होजा, कायजोगी होज्जा ? गोयमा ! मणजोगी वा होजा, वेइजोगी वा होजा, कायजोगी वा होजा।
१८. से णं भंते ! किं सागारोवउत्ते होज्जा, अणागारोवउत्ते होजा? गोयमा ! सागारोवउत्ते वा होजा, अणागारोवउत्ते वा होज्जा ।
१९. से णं भंते ! कयरम्मि संघयणे होजा? गोयमा! वइरोसभनारायसंघयणे होजा।
२०. से णं भंते! कयरम्मि संठाणे होजा १ गोयमा ! छण्हं संठाणाणं १० अन्नयरे सठाणे होजा।
२१. से णं भंते ! कयरम्मि उच्चत्ते होज्जा ? गोयमा! जहन्नेणं सत्त रयणी, उक्कोसेणं पंचधणुसतिए होजा।
२२. से णं भंते ! कयरम्मि आउए होजा १ गोयमा ! जहन्नेणं सातिरेगट्ठवासाउए, उक्कोसेणं पुव्वकोडिाउए होज्जा ।
२३. [१] से णं भंते ! किं सवेदए होजा, अवेदए होजा १ गोयमा ! सवेदए होजा, नो अवेदए होना ।
[२] जइ सवेदए होजा किं इत्थीवेदए होजा, पुरिसवेदए होजा, नपुंसगवेदए होज्जा, पुरिसनपुंसगवेदए होज्जा १ गोयमा ! नो इत्थिवेदए होन्जा, पुरिसवेदए वा होज्जा, नो नपुंसगवेदए होजा, पुरिसनपुंसगवेदए वा होजा। २०
२४. [१] से णं भंते ! किं सकसाई होजा, अकसाई होजा ? गोयमा ! सकसाई होज्जा, नो अकसाई होजा।
[२] जइ सकसाई होजाँ, से णं भंते ! कतिसु कसाएसु होज्जा ? गोयमा! चउसु संजलणकोह-माण-माया-लोभेसु होज्जाँ।
१. वयजो° ला १॥ २. कइरम्मि ला १॥ ३. °साऊए ला १॥ ४. भाऊए ला १॥ . ५. इस्थिवे' ला १॥ ६. वेए ला १॥ ७. हुज्जा ला १॥
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