Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 01
Author(s): Bechardas Doshi, Amrutlal Bhojak
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
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सुद्धिपत्तयं
पंतीए
असुद्धं
सोहणीयं
शीर्षके
सु०१] अत्रत्यं दृश्यम्
कल्पेअका दुर्ग प. २३
सु०१-२] अत्रत्या दृश्या कल्पे अका
दुर्गप०
शीर्षके
सुतं
॥१४॥ नेरइया णं
प्यारा
G
०
विना ॥ला०॥ भासा! गो०? नयसे नमंसा
०
नेरइयाणं प्यारो ला. विना॥ भासा? गो! नयेसु नमंसा. लों ८३ पृष्ठांङ्कः करणीयः शुभार्थी °द्विति हरणं
२९
लों
शीर्षके
२९
शुभाथीं
द्विती हरण माणसि
माणसि
११५ ११९ १२४ १२६ १२७ १२९
जीव देवाः" अभिध। १३ सु. °पजतीए णसा माणि
१. कई जीवे देवाः"। सु. १३ °पजत्तीए °णसामाणि° कयाइ रायहाणीव
कयाई
१३३
रायहाणवि
१४०
२०
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