Book Title: Agam 01 Ang 01 Acharanga Sutra Part 02 Stahanakvasi
Author(s): Madhukarmuni, Shreechand Surana, Shobhachad Bharilla
Publisher: Agam Prakashan Samiti
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[२३ ]
सूत्रांक
पृष्ठ
३९३
७७०-७७१ ७७२-७७४
३९५
७७५
३९८
७७६
३९९ ५००
७७७ ७७८-७७९ ७८०-७८२ ७८३-७८४ ७८६-७८७. ७८८-७९१ ७९२
४०४ ४०८ ४१२
४१५
भगवान् का विहार एवं उपसर्ग भगवान् को केवलज्ञान की प्राप्ति भगवान् की धर्म-देशना पंच महाव्रत एवं षड्जीवनिकाय की प्ररूपणा प्रथम महाव्रत प्रथम महाव्रत और उसकी पाँच भावनाएँ द्वितीय महाव्रत और उसकी पाँच भावनाएँ तृतीय महाव्रत और उसकी पाँच भावनाएँ चतुर्थ महाव्रत और उसकी पाँच भावनाएँ पंचम महाव्रत और उसकी पाँच भावनाएँ उपसंहार
चतुर्थ चूलाः (१ अध्ययन)
विमुक्तिः सोलहवां अध्ययन अनित्य-भावना बोध पर्वत की उपमा तथा परीषहोपसर्ग-सहन प्रेरणा रजतशुद्धि का दृष्टान्त और कर्ममलशुद्धि की प्रेरणा भुजंग दृष्टान्त द्वारा बंधन-मुक्ति की प्रेरणा महासमुद्र का दृष्टान्त : कर्म अंत करने की प्रेरणा
॥ आचारचूला समाप्त॥
४२१
७९३
४२३
४२४
७९४-७९५ ७९६-८००
४२५
८०१
८०२-८०४
४२८
४३३
परिशिष्ट पृष्ठ ४३१ से ४८० १ विशिष्ट शब्द-सूची २ गाथाओं की अनुक्रमणिका ३ जाव शब्द पूरक सूत्र-निर्देश ४ संपादन विवेचन में प्रयुक्त संदर्भ-ग्रन्थों की सूची
४७०
४७१
१७७
॥ आचारांग सूत्र संपूर्ण ॥