Book Title: Vidyankur
Author(s): Raja Shivprasad
Publisher: Raja Shivprasad

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Page 21
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पहला हिस्सा बढ़ने नहीं पाते। जो पखेरु न होते श्रादमी कहां तक उन का उपाय कर सकते ॥ ___ पखेरुओं को बोट से घेड़ों के बीज ऐसी ऐसी जगह जा पहुंचते हैं कि दूसरी तरह से वहां उन का पहुंचना बहुत मुशकिल होता देखा समुद्र में जब पत्थरों की चट्टान निकल आती हैं। उन पर इन्ही चिड़ियों की बीटों से मिट्टी जमा होकर और फिर उन में उन बीटों के बीजों से पेड़ जमकर वह निरी उजाड़ चट्टाने आदमियों के बसने लाइक अच्छे सुन्दर टापू बन जाती हैं। गो पखेरुओं से कभी कभी आदमियों का नुकसान भी होता है। पर उन फ़ाइदों के सामने कुछ बिसात नहीं रखता है। अरब और आफ्रिका में एक पखेरू पंजे से सिर तक आठ ABRANI SAPAN COM ST शुतुर्म For Private and Personal Use Only

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