Book Title: Vidyankur
Author(s): Raja Shivprasad
Publisher: Raja Shivprasad

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Page 72
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ૬૪ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir विद्यांकुर जान्दार है मर जाते हैं अगर मकान जहाज़ दरख़त वगेर: हैं टुकड़े टुकड़े हो जाते हैं बल्कि जलने वाले जल भी जाते हैं ऊंची इमारतों को बिजली गिरने का बहुत डर रहता है | लेकिन फ़रंगिस्तान के अक्लमंदों ने जिस मकान को बचाना मंजूर हो उस से ज़रा ऊंची एक लोहे की नुकीली छड़ उस के पास गाड़ देने की ऐसी तब निकाला है कि बिजली सदा उसी में समाती रहती है और वह मकान बच जाता है | जब बिजली चमके । आदमी ऊंची चीज़ों के पास जैसे दीवार या दरख़्त के नोचे न रहे || घात काला पानी जीवजन्तु वगैरः कितनी ही चीजें बिजली को बहुत खींचती हैं इसी लिये उन पर बिजली अक्सर गिरा करती है । और शीशा रेशम गंधक लाख मोम बग़ैर: कितनी ही चीजें बिजली को बिलकुल खींचती हो नहीं इस लिये उन पर बिजली कभी नहीं गिरती है । गर्भा शागिर्दे - गर्मी आग से पैदा होता है । और आप कहते हैं कि गर्म पानी में भी रहती है ॥ उस्ताद - ऐसी कोई चीज़ या कोई जगह नहीं है जिस में कुछ न कुछ गर्मी न हो । गर्मी का सुभाव है कि अगर दो चीज़ ऐसी इकट्ठी हों जिन में एक ज़ियादा गर्म हो और दूसरी कम तो जो जियादा गर्म होगी उस में से इतनी गर्मी निकल कर उस कम गर्म में चली जाएगी कि दोनों बराबर गर्म हो जायें जब चाहे आजमा लो | जो किसी पत्थर के टुकड़े को हाथ में लो और वह ठंढा मालूम हो तो क्या है ? तुम्हारे हाथ से उतनी गर्मी निकल कर उस में जाती है। कि जितनी से दोनों बराबर गर्म हो जायें। किसी आम For Private and Personal Use Only

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