Book Title: Vidyankur
Author(s): Raja Shivprasad
Publisher: Raja Shivprasad

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Page 39
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पहला हिस्सा जिस में लंबान और चौड़ान हो वह धरातल है । और जिस में लंबान और चौड़ान के सिवाय मुटान यानी उचान या गहराई भी हो वह पिंड है । जब मुटान ऊपर को होती है। उचान कहलाती है जैसे यह दररस्त कितना ऊंचा है । और जब नोचे को होती है गहराई कही जाती है जेसे तालाब में पानी कितना गहरा है। ताल में बोझ हलका भारी कहलाता है। जैसे पत्थर से काठ हलका और सब धात से सेना भारी होता है। बोलो बोली वह है। जिस से आदमी के जी को बात जानी जाती हे॥ बोलते जानवर भी हैं पर मुंह से वोल कर अपने जी की सब बात दूसरे को नहीं समझा सकते हैं। धीरे या ज़ोर से बोल कर सिर्फ अपना सुख दुख या गुस्सा और प्यार ज़ाहिर कर. देते हैं । तोता मैना काकातुआ सोख कर आदमी की सी बोली बोलने लगते हैं। पर वैसे ही जैसे कोई प्रादमी उन की बोली बोल ले यानी उस के अर्थ कुछ भी नहीं समझते हैं। अक्सर जानवरों की बोली के जुदा जुदा नाम है। जेसे हाथी चिंघाड़ते घोड़े हिनहिनाते ऊंट बलबलाते बेल डकराते कुत्ते भंकते गधे रांगते मक्खी मच्छर भिनभिनाते भारे गंजते कोयल कूकती चिड़िया चहचहाती कब्वे कांव कांव और कबसर गटरगं करते हैं ॥ जानवर अपने मन में मंसबे बांध कर एक दूसरे को नहीं समझा सकते इसीनिये आदमी के बस में आ जाते हैं। आदमी दूसरे को समझा सकता है इसीलिये छोटे और बे पढ़े बुड्ढे और पढ़े हुओं से सीख सीख और समझ समझ कर और अपनी जानकारी और होशयारी बढ़ा बढ़ा कर जानवरों को घस में लाना क्या बड़े बड़े काम कर सकते हैं। आदमी को ऐसा For Private and Personal Use Only

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