________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
पहिला हिस्मा
यह भी जान रखना चाहिये कि गो सारी जमीन पर सब मिला कर अटकल से एक अर्ब के ऊपर आदमी होंगे लेकिन जुदा जुदा मुलकों में जुदाजुदा कोमें बसती हैं। और सर्दी गर्मी अाब हवा खाने पहनने के तफावत से उन का सुभाग शकलें भी निराली दिखलायी देती हैं ॥ निदान सूरत शकल के तफावत से पांच बहुत बड़ी बड़ी कॉमें हैं। बाकी सब उन्ही को किसमें हैं ॥ पहले तांबे के रंग वाले । दूसरे ध्रुव के समीपी तीसरे मुग़ल चौथे हबशी और पांचवें गोरे ॥
अमरीका के असली बाशंदों का रंग तांबे कासा रहता है। सुभाव उन का निरा जंगली होता है । लेपलैंड और ऐसलैंड वगैरः को रहने वाले ध्रुव के समीपो कहलाते हैं । कद में नाटे होते हैं ॥ मुग़ल चीन और तातार वगैरः में रहते हैं । नाक उन की चपटी आंख तिरछी और छोटो पेशानी ऊंची और गाल चौड़े होते हैं ॥ हवशी यानी हबश के रहने वालों के होंठ मोटे नाक फैली हुई रंग काला और बाल घंघरवाले देखने में आते हैं। और गोरे जिन को अंगरेज़ कासयन यानी कोहकाफ़ी भी कहते हैं इंगलिस्तान से लेकर हिन्दुस्तान तक बसते हैं । ये बहुत सुंदर और इन के सब अंग ठीक ठोक होते हैं। गोया मनुजी की शकल के नमूने हैं ।
पहाड़
यह मत सोचा कि पहाड़ों की उंचाई से ज़मीन की गोलाई में कुछ फ़र्क आता है। जेसे अक्सर नारंगी का छिलका खुरदुरा यानी दानेदार होता है वैसे ही पहाड़ भी ज़मीन पर दाना! दाना मा मालम पड़ता है। पहाड़ पत्थर का होता है। कहीं
For Private and Personal Use Only