________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
पहला हिस्सा
करती है। गर्मी से हर चीज़ के परमाणु दूर दूर हो जाते है। यानी फैल जाते हैं। बर्फ में जब गर्मी लगी गलकर पानी हुआ। पानी में जब गर्मी लगी फैलकर भाफ बनगया ॥ गर्मी जब बहुत होती है। पानी के परमाणु ज़ियादा दूर दूर फैल जाने से भाफ दिखलायी नहीं देती है ॥ भाफ हलकी और ठंढी हवा भारी होने के सबब हवा नीचे भाफ ऊपर हो जाती है । और इसी वज़न के अंदाजे से ज़मीन के पास या कुछ दर ऊपर रहा करती है ॥ फिर जो जो गर्मी घटती है यानी सर्दी होती जाती है। वही भाफ कुहरा कुहासा बादल आस मेह बर्फ ओले बन कर नज़र आती है ॥ ___ जब जहां जमीन के पास गर्मी न होगी। जैसा कि अक्सर जाड़ों में और उस में भी पानी के पास हुआ करता है भाफ ज़मीन ही पर कुछ किसी कदर जम कर कुहासा बन जायगी। नहीं तो ऊपर जाकर जमेगी। और बादल बन कर दिखलायो देगी ॥ ज़मीन से जो जो ऊपर जाओगे । गर्मी कम और सर्दी ज़ियादा पाओगे । सबब यह है कि ज़मीन पर एक गर्मी तो सूरज को और दूसरी ज़मीन की क्योंकि जो गर्मी सूरज से निकल कर जमीन में जाती है। वह फिर ज़मीन से बाहर निकला करती है ॥ कोस दा कोस ऊपर जाने से सूरज की गर्मी तो कुछ नहीं बढ़ती है। जहां करोड़ों कोस की दरी है वहां कोस दो कोस कम होने से क्या तफावत पड़ेगा लेकिन जमीन की गर्मी वहां बहुत कम पहुंचती है। जैसे बलते चल्हे पर से गर्म तत्रा चाल म पचास गज़ के तफावत पर ले जा कर अपनी उंगली चल्ह और तवे के बीच में तवे से दो इंच दूर रख कर अगर फिर आठ दस इंच दूर कर लागे । जर गर्मी कम पाओगे । क्योंकि चल्हे की गर्मी तो नाम को
For Private and Personal Use Only