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विदा कर
है। सुखी वही देस हे जहां न लड़ाई झगड़ा हे न टंटा बखेड़ा है।
राज
राज कई किस्म का होता है। कहीं तो गजा को बिलकुल हरितयार रहता है। जैसा कि हिन्दुस्तान में अंगरेजों से पहले था वह जो चाहता है करता है। लेकिन इस में वुराई एक यह बहुत बड़ी है कि जब राजा अच्छा न हो मुल्क यकबारगी उजड़ जाता है । कहीं रअय्यत अपनी तरफ से कुछ आदमी चुनकर आईन कानून बनाने को और राजा को जियादतियां रोकने को राज दबार में शामिल कर देती है । जैसे इंगलिस्तान की पाली मेंट हिन्दुस्तान में गो वह बात तो नहीं है पर गवर्नर जेनरल को लेजिसलेटिव कोसिल और बड़े बड़े शहर कसबों में म्यनिसिपल कमेटी उस का कुछ कुछ नमूना दिखलाती है । कहीं राजा होता ही नहीं रअय्यत अपने चुने हुए आदमियों को पंचायत बनाकर आप हो राज करती है। यह बात अमरिका के बड़े मुल्क में देखी जाती है ।
हर राज का जुदा निशान रहता है.। और वहो जहाज़ किला फोज के झंडे पर देखकर पहचान लिया जाता है ।
राज से जिस किसी की इज्जत बढ़ायो जाती है। उसे खिताब और खिलअत मिलती है ॥ खिताब हिन्दुस्तान में हिन्दुओं को महाराज महाराजाधिराज राजाराजे राजगान लोकेन्द्र सुरेन्द्र नरेन्द्र महेन्द्र राना रावल राव गय कुवर ठाकुर वगैरः और मुसलमानों को शाह मिज़ा नब्वाब खां बहादुर जंग दौला बोरः
और सितारहिन्द दोनों को मिला करते हैं । इंगलिस्तान में प्रिंस झक मार्किसपल बाइकोंट बेरन लार्ड सर वगैरः दिये जाते
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