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पहला हिस्सा
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पैदा कर
उस की हालत बिजली पड़ने को सी जाती है ॥ रिमोरा मछली के पर बहुत छोटे होते हैं इस लिये जल्द नहीं चन
सकती है। पर उस के पैदा करने वाले ने उस के सिर में ऐसी ताकत दी है कि वह समुद्र में
अपने सिर के वन किसी मकलो ईल
बड़ी मछलो या जहाज़ को पेंदी से चिपट कर उस के साथ आराम से दोड़ी चनी जाती और अपना पेट भरती है ॥ हेल मछली दुन्या के सब
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जानवरों से बडो गाई होती है। समुद्र
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में रहने के सबब
मछली कहलाती मछली रिमोरा है। नहीं तो वह अंडा नहीं देती बच्चा जनती और उस को दध पिलाती है। और बहुत करके उत्तर और दक्खन के वर्फी समुद्रों में रहा करती है । बान उस क सौ फट यानी तेंतीस गज़ के ऊपर और मुटान यानी घेरा इस से कुछ ही कम होता है। और बोझ उस में अटकल से चार हज़ार मन रहता है ॥ मुंह उस का वीस फट कि जिस में जहाज़ का बोट आदमियों समेत बे खटके समाजावे। और दुम उसको चैबीस फट लि जिस की टक्कर से ऐसा वैसा जहाज़ भी टुकड़े टुकड़े हो जावे ।
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