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विद्याकुर
उस का फेफड़ा आदमी का सा होता है । इस लिये उस को पानी से बाहर सिर निकाल कर सांस लेना पड़ता है। हुल मछली में चर्बी बहुत होती है उसी चर्बी के लिये जहाज़ों
र पर उस के शिकार A / को जाते हैं। और
मार जब मार कर लाते
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है उस की ची
को बहुत करके बत्ती बनाते हैं । जहाज़ का लंगर
डाल कर बोटों पर हेल का पीछा करते हैं । और जब जब वह सांस लेने का सिर निकालती है रस्सों से बंधे हुए भाले और बरछे उस को मारते जाते हैं। यहां तक कि वह बेदम हो कर उलट जाती है और तब उन्हीं रस्सों से उसे खींच कर जहाज़ पर ले आते है और फिर काट काट कर चर्बी निकाल लेते हैं ।
बे हड्डो के जानवर बे हड्डी के जानवर शंख घेधेि जांक केंचुए मक्वो चींटे मच्छर भनगे भिड़ भरे खटमल फतंगे वारः बहुत तरह के होते हैं। ठस मालिक पैदा करनेवाले को चतुराई तो सभी जगह दिखलाई देती है पर इन छोटे छोटे जानवरों में बड़े बड़े अचरज और अचंभे नज़र आते हैं। हवा पानी मिट्टी में अनगिनत जानवर भरे पड़े हैं । और बहुतेरे इतने छोटे कि बे खर्दबीन शीशा लगाये जिस से छोटी चोज बडी दिखलायी देतो हे खाली आंखों
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