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पहला हिस्सा
यह मत समझो कि सब जान्दारों के पांव ही पांच इन्द्रिय है। ज़ियादा तो किसी के नहीं लेकिन कम बहुतों के हैं॥जांक और में चुग के दोही दो हैं। यानी चमड़ा और मुंह लेकिन किसी किसी जानवर के कोई कोई इन्द्रिय बहुत तेज़ और जोगवर होती हैं। _ जैसे बिल्ली को सुनायो बहुत देता है चूहे के पैर को आ
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हट पाते हो
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उसे जा घर दबाती है । कुत्ते की नाक तेज़ होती है दूर ही से उस
को अपने शिबिल्ली
कार की ब पहुच जाती है । गिद्ध बहुत दर तक देख सकता है। आसमान पर उड़ता हुआ ज़मीन के मुर्दै देख लेता है ॥ गाय वेल और घोड़े की जीभ में बड़ी ताकत है। चख चग्य कर वही घास खाते हैं जो उन के खाने के लायक है ॥ गो जानवरों को आदमी को सी वद्धि नहीं दी है। तामी कोई कोई जानवर ऐसे ऐसे काम करते हैं कि जिन से आदमी को अकल में अचंभे में आ जाती है। देखा अक्सर जानवर अपने दुशमन से बचने का केसे मुर्टी से बनकर ज़मीन के साथ सट जाते हैं। अक्सर मछलियां अपने दुश्मन को आता देख कर थाह को मिट्टो उछाल उछाल कर पाना मा गदला कर देती हैं कि वह वहां कुछ भी नहीं देख सकते हैं ॥ किडियां के से केमे घोंसले बनातो हैं कि जिन में उन के अंडे बच्चे पाराम मे रहे और उन के दुशमन यकायक न पाने पावे । मवियां
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