Book Title: Varddhaman Mahavira
Author(s): Nirmal Kumar Jain
Publisher: Nirmalkumar Jain

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Page 7
________________ कृतज्ञता इन वार्नाओं को पुम्नकाकार करने में, फाइनल प्रफ चैक करने में तथा इमके प्रिंटिंग को अपनी कुशल देखरेख में मरुचिपूर्ण और शुद्ध करने में नियोजन विभाग के श्री विषण गर्माएवम् श्री श्यामलाल जैन ने जो मगहनीय कार्य किया है उसके लिये हम उनके अत्यन्त कृतज है। ____माह रमेशचन्द्र, मैनेजर, टाइम्म आफ इण्डिया ने इन वार्नाओं के प्रकाशन में स्वयं रूचि ली है और अम्वस्थ होते हुए भी पग-पग पर इमके मन्दर प्रकाशन के लिये निर्देश दिये है। श्री निर्मल कुमार के गहन और मौलिक चिन्तन तथा विचारों को जिम मक्त हृदय में उन्होंने मगहा है वह उनकी अपनी दार्शनिक नज़र, माहित्यिक चेतना और स्वतंत्र चिन्नन की द्योतक है । उनमे अनेक म्पों में जो महयोग मिला है हम उसके लिये अत्यन्त कृतज है। हिन्दी के लब्ध प्रतिष्ठिन उपन्यामकार एवं दार्शनिक पप्रभूषण श्री जैनेन्द्र कुमार के हम अत्यन्न अनुग्रही है । उन्होंने इन वार्ताओं को चाव मे पढ़ा और इन सर्वथा मौलिक एव मारगभित विचारों का स्वागत किया है। यह उनके हृदय की मजीवता और सत्यग्राहिता का परिचायक है। महावीर निर्वाण समिति मुजफ्फरनगर (उ. प्र.)

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