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विद्यापीठ के
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श्रमण, वर्ष ५९, अंक ३ जुलाई-सितम्बर २००८
में
प्राङ्गण
प्रोफेसर चन्द्रदेव सिंह का पार्श्वनाथ विद्यापीठ में भव्य स्वागत
२६ जुलाई, २००८ इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय, अमरकंटक के प्रथम कुलपति प्रोफेसर चन्द्रदेव सिंह का पार्श्वनाथ विद्यापीठ में हार्दिक स्वागत किया गया। स्वागत सभा की अध्यक्षता प्रसिद्ध इतिहासवेत्ता प्रो० महेश्वरी प्रसाद ने की। माल्यार्पण एवं शाल देकर स्वागत डॉ० एस०पी० पाण्डेय, सह-निदेशक, पार्श्वनाथ विद्यापीठ ने किया तथा मोमेन्टों प्रदान कर प्रो० कमलेश कुमार जैन ने प्रो० चन्द्रदेव सिंह का स्वागत किया। अपने स्वागत भाषण में उनके मित्र एवं पार्श्वनाथ विद्यापीठ के सह-निदेशक डॉ० एस०पी० पाण्डेय ने कहा कि यह प्रो० सिंह की अकादमिक ईमानदारी तथा दृढ़ संकल्प का ही परिणाम है कि आज वे सफलता के शिखर पर पहुँचे हैं। डॉ० पाण्डेय ने उन्हें कुलपति के रूप में उनकी जिम्मेदारियों को याद दिलाते हुए शुभकामनायें दी तथा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में प्रो० सिंह के साथ बिताये लमहों की याद ताजा करते हुए डॉ० पाण्डेय ने कहा कि प्रो० चन्द्रदेव सिंह प्रारम्भ से ही नैतिक कार्यों से समझौता न करने वाले तथा किसी भी कार्य को उसकी पूर्णता तक पहुंचाने वाले व्यक्ति रहे हैं। कला इतिहास विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष प्रो० मारुतिनन्दन प्रसाद तिवारी ने माननीय कुलपति महोदय के अत्यन्त गंभीर एवं अध्यवसायी व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए उनके सामने जो चुनौतियां हैं उन्हें साहस के साथ पूरा करने हेतु उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया। प्रो० सीताराम दुबे ने प्रो० चन्द्रदेव सिंह को हार्दिक बधाई दी तथा उन्हें प्रा० भा० इति० एवं पुरातत्त्व विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का गौरव बताया। डॉ० ओंकारनाथ सिंह ने प्रो० सिंह के साथ बीते लमहों की याद ताजा करते हुये उन्हें कुलपति पद हेतु हार्दिक बधाई दी। अध्यक्षीय अभिभाषण में डा० महेश्वरी प्रसाद ने कहा कि छात्र जीवन से ही प्रो० सिंह अत्यन्त अनुशासित तथा गम्भीर छात्र रहे हैं। उन्होंने प्रो० सिंह को राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय, अमरकंटक के कुलपति के रूप में नियुक्ति हेतु हार्दिक शुभकामनायें तथा बधाई दी। इस अवसर पर जो विभिन्न विश्वविद्यालयों से विद्वान उपस्थि थे उनमें मुख्य हैं - प्रो० उमेशचन्द दुबे, पूर्व अध्यक्ष, दर्शन एवं धर्म विभाग, का०हि०वि०वि०; प्रो० एस० विजय कुमार, दर्शन एवं धर्म विभाग, का०हि०वि०वि०; डॉ० हरिहर सिंह, प्रो० सीताराम दुबे, डॉ० ए०के० सिंह डॉ० ओंकर सिंह, डॉ० अहिरवार, प्रा० भा० इति० एवं पुरातत्त्व विभाग काशी हिन्दू विश्वविद्यालय; डॉ० अजय श्रीवास्तव, सह-निदेशक, सारनाथ संग्रहालय, सारनाथ,
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