Book Title: Sramana 2008 07
Author(s): Shreeprakash Pandey, Vijay Kumar
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 230
________________ गुजराती अर्थ :- वसुमतीना गणे लागेलो, शय्यामां रहेलो, छुपावेला पोताना रूपवाळो अने धनपतिना रूपे रहेला तेने पथारीमा सूनेलो जोयो। हिन्दी अनुवाद :- वसुमती के कण्ठ में लगा हुआ, शय्या में रहे हुए तथा अपने रूप को छुपाकर धनपति के रूप में रहे उसको शय्या में सोते हुये देखा। गाहा : जाओ य मज्झ कोवो तव्वसओ चिंतियं मए एयं । मारेमि इमं पावं मह दइयाए सह पसुत्तं ।। २१५।। संस्कृत छाया : जातश्च मम कोपस्तद्वशतः चिन्तितं मया एतद् । मारयामीमं पापं मे दयितया सह प्रसुप्तम् ।।२१५।। गुजराती अर्थ :- ते कारण थी मने गुस्सो आव्यो, अने में आवु विचार्यु के मारी पत्नी साथै सूतेला आ पापीने मारी नांखु। हिन्दी अनुवाद :- अत: मुझे गुस्सा आया और मैंने सोचा कि मेरी पत्नी के साथ सोए हुए इसको मैं मार डालूं। गाहा : जणणि-जणयाण अहवा जाणावित्ता य सयल-लोयस्स । एयस्स दुट्ठ-चरियं काहामि विणिग्गहं पच्छा ।। २१६।। संस्कृत छाया : जननी-जनकयो-रथवा ज्ञापयित्वा च सकललोकस्य। एतस्य दुष्टचरितं करिष्यामि विनिग्रहं पश्चात्।।२१६।। गुजराती अर्थ :- अथवा माता-पिताने अने सकल लोकने आना दुष्ट चरित्रने जणावीने पछी थी हुँ तेने दंडीश।। हिन्दी अनुवाद :- अथवा मेरे माता-पिता एवं सब लोगों को इस का दुष्टचरित्र ज्ञात होने के बाद में इसका निग्रह करूं। गाहा : एवं विचिंतिऊणं अवहरियाओ इमस्स पावस्स । सव्वाओ विज्जाओ जाओ य इमो सभाव-त्यो ।। २१७।। संस्कृत छाया : एवं विचिन्त्यापहृता अस्य पापस्य । सर्वा विद्या जातश्चायं स्वभावस्थः ||२१७।। गुजराती अर्थ :- आ प्रमाणे विचारीने आ पापीनी सधळी विद्या हरी लीधी, अने आ मूळ स्वरूप वाळो थयो। 387 For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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