________________
गुजराती अर्थ :- तेणीए आ प्रमाणे कहयुं अने जल्दी थी पोताने लटकती मुकी के तरत ज त्यां जल्दी थी जईने में तेणी नो पाश छेदी नाख्यो। हिन्दी अनुवाद :- इस प्रकार बोलकर जल्दी से स्वयं अधोमुख लटक गई और तुरंत ही मैंने जाकर उसका पाश तोड़ डाला। गाहा :- कनकमालाने प्रियनो संयोग
गहिऊण तयं अंके ताहे सणियं मए इमं भणिया।
निज्जिय-सुरासुरिंदो तुट्ठो तुह सुयणु! रइ-नाहो ।।३१।। संस्कृत छाया :
गृहीत्वा तकां अङ्के तदा शनै मयेदं भणिता।
निर्जितसुरासुरेन्द्रस्तुष्टस्तव सुतनो! रतिनाथः।।३१।। गुजराती अर्थ :- त्यारे तेणी ने गोद मा लई ने मन्द स्वर थी में आ प्रमाणे कहयु, हे सुंदरी! सुर अने असुरेन्द्रोने पराजय करनार कामदेव तारी उपर प्रसन्न थयो छ। हिन्दी अनुवाद :- और उसी समय उसे गोद में लेकर मैंने मन्दस्वर से इस प्रकार कहा, हे - सुतनी! (सुंदरी) सुरासुरेन्द्र को पराजित करने वाला कामदेव तुझ पर प्रसन्न हुआ है। गाहा :
असरिस-साहस-आवज्जिएण मयरद्धएण तुह सुयणु!।
एयम्मि चेव जम्मे उवणीओ सो जणो एसो।। ३२।। संस्कृत छाया :
असदश-साहसाऽऽवर्जितेन मकरध्वजेन तव सुतनो!। एतस्मिंश्चैव जन्मनि उपनीतस्स जन एष
||३२|| गुजराती अर्थ :- हे सुंदटी! तारा अनन्य साहस थी प्रसन्न थयेला कामदेवे आ जन्ममां ज ते पुरुष तने मेळवी आप्यो छे।। हिन्दी अनुवाद :- तथा हे सुंदरी! तेरे इस अनन्य साहस से प्रसन्न हुए कामदेव ने इसी जन्म में ही तुझे उस पुरुष से मिलाप कराया है। गाहा :
किज्जउ कंठ-ग्गहणं गाढं उक्कंठिओ जणो तुज्झ ।
एवं भणिया बाला लज्जाए अहोमुही जाया ।।३३।। संस्कृत छाया :
कुर्यात् कण्ठग्रहणं गाढमुत्कण्ठितो जनस्तव । एवं भणिता बाला लज्जयाऽधोमुखी जाता ||३३।।
330 For Private & Personal Use Only
Jain Education International
www.jainelibrary.org