Book Title: Shant Sudharas Author(s): Publisher: Bhagwandas Mansukhbhai Mehta View full book textPage 8
________________ મં ગ લ સૂત્ર " वैराग्यादि सफळ तो, जो सह आत्मज्ञान, " तेमज आत्मज्ञाननी, प्राप्तितणां निदान । " त्याग, विरागन चित्तमां, थाय न तेने ज्ञान, " अटके त्याग, विरागमां, तो भूले निज भान ॥" --श्रीमद् राजचंद्र "मारी ३ से वैश्यानी, पयो ने अल." -નિકુલાનંદ સ્વામી " त्यागी न ट ३, वैशय विना." –શ્રી નિષ્કુળાનંદજી " ल्यi cी आतम तय शिन्युनाई, ___त्यi eी साधना सर्व ही." -नरसिंह भडता * अधुवे असासयंमि संसारंमि दुक्खपउराए, "किं नाम दुध्यंत कम्मयं जेणाहं दुग्गइं न गच्छेध्या" --श्री उत्तराध्ययन ८-१ " शरदंबुधरच्छाया गत्वों यौवनश्रियः । " आपातरम्या विषयाः पर्यतपरितापिनः ।। " अंतकः पर्यवस्थाता जन्मिनः संततापदः । " इति त्याज्ये भवे भव्यो मुक्तावुत्तिष्ठते जनः॥" -किरातPage Navigation
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