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अध्याय १२ : २६७.
है। वह भय-भैरव को सहने वाला होता है। उसे भय-भैरव नहीं पछाड़ते। वह उत्पन्न भय-भैरव को हटा-हटा कर विहरता है। जाड़ा, गर्मी, सहने वाला होता है। प्राण लेने वाली शारीरिक वेदनाओं को (सहर्ष ) स्वीकार करने वाला होता
___ आगम साहित्य में भी शरीर को अशुचि और अशुचि से उत्पन्न कहा है। महावीर गौतम को सम्बोधित कर कहते हैं-गौतम ! तेरा शरीर जीर्ण हो रहा है, केश सफेद हो रहे हैं, इन्द्रिय और शरीर-बल सब क्षीण हो रहा है। तू देख और क्षण भर भी प्रमाद मत कर।' मदिरा के घड़े को कितना ही धोओ, वह अपनी गन्ध नहीं छोड़ता, ठीक इसी प्रकार शरीर को कितना ही स्वच्छ करो वह शुद्ध नहीं होता। प्रतिक्षण अनेकों द्वारों से अशुद्धि बाहर की ओर प्रवाहित हो रही है। मूढ़ मनुष्य उसमें शुद्धि का भाव आरोपित कर लेते हैं । किन्तु विज्ञ व्यक्ति उसकी यथार्थता से परिचित होते हैं। साधक शरीर का सम्यक निरीक्षण करे और उसकी आसक्ति को उखाड़कर अपने स्वरूप में अधिष्ठित बने। यद्यपि शरीर अपवित्र है, अशुचि है, किन्तु परमात्मा का मन्दिर भी है। अशुद्धि का दर्शन कर ममत्व से मुक्त हो और साथ में परम-शुद्ध सनातन-शिव-आत्मा का दर्शन भी करे। केवल शरीर के प्रति घृणा का भाव प्रगाढ़ करने से प्रयोजन सिद्ध नहीं होता। यही अशीच भावना का आशय है।
(७-८) आस्रव-संवर भावना : आस्रव क्रिया है, प्रवृत्ति है और संवर अप्रवत्ति तथा अक्रिया है। आस्रव में विजातीय तत्त्व का संग्रह होता है और उससे भवभ्रमण होता है। संवर विजातीय का अवरोधक है और संगृहीत जो है, उसका रेचन करता है, उसे बाहर फेंकता है। प्रवृत्ति और निवृत्ति की चर्चा अन्यत्र की जा चुकी है।
(९) तपोभावना-योग और ध्यान प्रकरण के अन्तर्गत तप का विस्तृत वर्णन किया चुका है। देखें-परिशिष्ट १ ।
(१०) धर्म भावना-धर्म का अर्थ है स्वभाव और वे साधन जिनसे व्यक्ति स्वयं में प्रतिष्ठित होता है। धर्म को त्राण, द्वीप, प्रतिष्ठा और गति कहा है। व्यक्ति जब धर्म को जान लेता है, उससे सम्यक् परिचित हो जाता है तब उसके लिए जो कुछ है वह सब धर्म ही है।
एक सन्त का कम्बल चोरी में चला गया। उसने रिपोर्ट लिखाई कि मेरा बिछौना, सिरहाना, रजाई, कम्बल चोरी में चला गया। एक दिन चोर पकड़ा गया । कम्बल भी उसके पास था। थानेदार ने पूछा यह किसका है ? कहा- 'सन्त का है।' पूछा-'और क्या-क्या चीजें वहां से लाया ?' कहा- 'कुछ भी नहीं, बस यही कम्बल ।' संत को बुलाया और पूछा-'क्या यही है आपका कम्बल ?' कहा-'हां ।' थानेदार ने कहा-'चोर कहता है आपकी रिपोर्ट झूठी है। इसके .
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