Book Title: Rushimandal Stotra
Author(s): Chandanmal Nagori
Publisher: Sadgun Prasarak Mitra Mandal

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Page 9
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir लिए (ह) अक्षरके पांच विभाग बनाकर सचित्र बताया गया है और इन पांचों विभागोंसे स्वर व्यंजन अक्षरकी योजनाका बयान करके सकलीकरणका वर्णन कर रक्षामंत्रका उल्लेख किया गया है, फिर ऋषिमंडल मंत्रमेद, ऋषिमंडल आना, विशोपचार, पूजा याने उत्तरक्रिया, आवर्त और मालाविचारको वताकर पुस्तक सम्पूर्ण की गई है। चित्र संख्या लगभग आठ है जो दर्शन योग्य है और पुस्तककी महिमाको बढानेवाले व ऋषिमंडल स्तोत्र-यंत्र-मंत्रकी आराधनामें उपयोगी समझ तीन कलरके व सादे रंगबरंगी दिये गये हैं सो पाठक देख लेवें। पुस्तकके प्रकाशनमें शुद्धताका बहुत ध्यान रखते हुवे भी अशुद्धियां रह जाती हैं, और इस तरह रह जानेके कई कारण होते हैं जो प्रकाशन कार्य कराने वालोंसे छिपे हुवे नही हैं एतदर्थ अशुद्धियोंके लिये पाठक क्षमाकर सुधार कर पढ़ें और इस पुस्तकमें बताये हुवे विधानका लाभ लेकर कृतार्थ करें । इति मु० अहमदाबाद भाद्रपद शुक्ला १५ प सम्बत् १९९६ ता. २८-९-१९३९ ) भवदीयचंदनमल नागोरी छोटीसादडी (मेवाड) For Private and Personal Use Only

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