Book Title: Ratnagyan Author(s): Yogiraj Mulchand Khatri Publisher: Shiv Ratna Kendra HaridwarPage 19
________________ पत्थर बेचने लगा । भगवान भोले की कृपा से अब में पत्थरों से रत्न बेचने लगा | अब में बाजार से बिल्कुल अलग सन्तल सराय ( मकान ) की तीसरी मञ्जिल शोरूम लेकर बैठा हुआ हूँ । इसी मञ्जिल पर मेरा निवास भी है । ग्राहक के रूप में भगवान् यहीं दर्शन देते रहते हैं । यह पत्थरों का प्रभाव और भोले शंकर की कृपा है । आपसे नम्र निवेदन है कि एक बार सन्तल सराय, ऊपरी मंजिल पर पहुँच कर अवश्य ही दर्शन दें । * शुद्ध शहद चीनी खाने से अनेक रोग हो सकते हैं। चीनी से उत्तम तो स्वास्थ्य के लिए गुड़ है । परन्तु उसे भी देखने में सुन्दर बनाने के लिए अनेक प्रकार के कैमिकल डालकर दूषित कर दिया जाता है । अतः स्वास्थ्य लाभ के लिए जंगलों से एवं वन विभाग से ठेका लेकर विश्वासपात्र कार्यकत्ताओं के सामने निकला हुआ १०० प्रतिशत शुद्ध शहद का प्रयोग करें । मू० ४० रु० प्रति किलो विनीत :योगीराज मूलचन्द खत्री योगीराज मूलचन्द खत्री शिव रत्न केन्द्र (रजि०) सन्तल सराय, ऊपरी मंजिल, गऊघाट, हरिद्वार रत्न ज्ञान Jain Education International For Private & Personal Use Only [११] www.jainelibrary.orgPage Navigation
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