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निर्माताओं ने ही हीरे के टुकड़े से हीरे को घिसकर अच्छी बनावट के नग बनाने की पद्धति का आविष्कार किया था। आज उसका ही विकसित रूप बेल्जियम का बना हुआ ब्रिलियन्ट-कट (Brliliant-cut) के नाम से प्रसिद्ध है।
हीरा पृथ्वीतल में खानों को खोदकर निकाला जाता है। खानों (खदानों) से निकाल कर विभिन्न आकारों में इसे काटा और तराशा जाता है इसके पश्चात हीरे पर पालिश की जाती है। हीरे की कटिंग और पालिश के लिए वेल्जियम का नाम सर्वोपरि है। वर्तमान समय में यहाँ का हीरा अपनी विशिष्टता के लिये उत्तम माना है। वेल्जियम का हीरा आठ और बारह पहुलों में मिलता है। भारत में भी हीरे की खान हैं। यहाँ का हीरा आठ तिकोनी पहलों में बनाया जाता है। भूतकाल तो भारत में हीरे का प्रसिद्ध इतिहास रहा है विश्व विख्यात कोहिनर हीरा भारत में ही पैदा हुआ था। उस हीरे को लगभग ५५०० वर्ष पूर्व किसी राजा ने धर्मराज युधिष्टर को भेंट किया था। समयानुसार वह अनेक राजा और बादशाहों पर होता हुआ राजा रणजीत सिंह के पास पहुँचा। उन्होंने ब्रिटिश शासनकाल में अंग्रेजों को दे दिया। उस हीरे के दो टकड़े कर एक बादशाह के ताज और एक सिहासन में लगा दिया गया है। लन्दन में आज भी मौजूद है। इस हीरे के समान बड़ा और मूल्यवान हीरा आज तक दूसरा पैदा नही हुआ है।
हीरा रत्नों का राजा है। खनिज पदार्थ में रत्न वे कहलाते हैं जिनमें तीन विशेष गुण हों-सुन्दरता, टिकाऊपन और दुर्बलता प्राप्त होने में। नेत्र के लिये सुन्दर लगना रत्न का पहला गुण है, परन्तु सुन्दर होने पर भी जो शीघ्र ही टूट-फूट जाये, बिखर रत्न ज्ञान
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