Book Title: Ratnagyan Author(s): Yogiraj Mulchand Khatri Publisher: Shiv Ratna Kendra HaridwarPage 79
________________ रुद्राक्ष की माला और उसके लाभ रूद्राक्ष की प्रत्येक माला पांचमुखी रूद्राक्ष से बनी होती है चाहे वह छोटे दाने की हो अथवा बड़े दाने की । बड़े दानों की माला कम पैसों की होती है । ज्यों-ज्यों छोटा दाना होगा मूल्यवान होती जाती है । परन्तु छोटे या बड़े रूद्राक्ष के गुणों में कोई अन्तर नहीं होता । रूद्राक्ष की माला से किसी भी देवता का जाप किया जा सकता है । कोई भी इष्ट हो सभी प्रसन्न होते हैं । महादेव होने से अन्य देवता भी इस माला का आदर करते हैं । इस माला के जप से अनेक पापों का नाश होता है । जीवन सुखी और आनन्दमय हो जाता है | रूद्राक्ष की माला से शरीर निरोग रहता है। ब्लड प्रेशर एवं हार्ट अटैक का भय नहीं रहता। मानसिक परेशानियां नहीं होती, अकालमृत्यु नहीं होती । बिजनेस, व्यापार में उन्नति होती है । मान सम्मान में वृद्धि होती है । इस माला को स्त्री-पुरूष भी धारण कर सकते हैं। शौच एवं स्त्री सम्भोग के समय माला को उतार दिया जाये तो अच्छा है । यदि नहीं उतार सकें तो बाद में उसे शुद्ध जल से धोकर अपने इष्ट के चरणों से स्पर्श कर पुनः धारण कर लें । धागा मैला हो जाये तो सर्फ से माला को धो लें । पुनः सुखाकर रूद्राक्ष में सुगन्धित इत्र या सरसों का तेल लगा दें। रूद्राक्ष में पुनः शक्ति आ जाती है । रूद्राक्ष में मुख बनाये हुये हैं या प्राकृतिक, घुना हुआ तो नहीं हैं, असली है या नकली और भी इसके अन्दर कोई दोष तो नहीं है, कुछ अन्य भी रहस्यपूर्ण दोष हो सकते हैं । इन बातों को प्रत्येक व्यक्ति नहीं जानता, इसके लिये आप शिव रत्न केन्द्र पर पधारिये । [ ६५ ] रत्न ज्ञान Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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