Book Title: Ratnagyan
Author(s): Yogiraj Mulchand Khatri
Publisher: Shiv Ratna Kendra Haridwar

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Page 83
________________ ॐ नमः शिवाय शिव रत्न केन्द्र [रजि०] सन्तल सराय, ऊपरी मञ्जिल, गऊघाट, हरिद्वार "शिव रत्न केन्द्र" रत्न, रुद्राक्ष, ज्योतिष यन्त्र, तान्त्रिक सामग्री हर प्रकार की मालाओं का व्यापारिक संस्थान है। उक्त सामग्रियों के लिए जिसकी देश तथा विदेश में भी ख्याति है। यह संस्थान गंगातट, गऊघाट, हरिद्वार में है। अब तक को सज्जन 'शिव रत्न केन्द्र' के सम्पर्क में नहीं आये उनके लिए हरिकी पैड़ा (ब्रह्मकुण्ड) पर प्रत्येक यात्री स्नानार्थ आला है। हरिकी पैड़ी के निकट ही गङ्गाजल बहाव (दक्षिण दिशा में) सुभाष घाट है। इस घाट पर आजाद हिन्द सेना के सेनानायक श्री सुभाषचन्द बोस का आदमकद मूर्ति (स्टेच्यू ) है। थोड़ा आगे चलकर इमारतों की ओर बढ का वृक्ष दिखाई देगा। इसके नीचे सन्त महात्माओं का धूना लगा रहता है। इस स्थान का नाम शिव भण्डार अन्नक्षेत्र है। यहाँ से खड़े होकर देखने पर 'शिव रत्न केन्द्र' लिखा बोर्ड रास्ते के साथ रखा दिखाई देगा। बोर्ड के पास पहुँचने पर अपने दाहिनी ओर रंग-बिरंगे, चमकदार कई प्रकार के राशि पत्थर, रुद्राक्ष, मालायें, शङ्ख, सोप आदि सजे सजाये लगे हए मिलेंगे। यह सब सामग्री ३, ४ कार्यकर्ता यहाँ मिलेंगे जो कि श्री बख्तमल की समाधि स्थल है। इसी के साथ अलका होटल का द्वार हैं। यह दुकान 'शिव रत्न केन्द्र' के नमूना रूप में है, परन्तु यह बिक्री केन्द्र नहीं है। मूल्यवान एवं प्रत्येक वस्तु अधिक मात्रा में मिलने वाला शोरूम पहुँचा देंगे और यदि आप स्वयं ही पहुँचना चाहें तो इस दुकान से तीस कदम आगे गऊघाट गङ्गा पुल को सीढियों से (दक्षिण से उत्तर को चले तो) ५० कदम आगे बोर्ड शिव रत्न केन्द्र का मिलेगा। इसको आप ध्यान से पढ़िये । [६६] रत्न ज्ञान Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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