Book Title: Ratnagyan Author(s): Yogiraj Mulchand Khatri Publisher: Shiv Ratna Kendra HaridwarPage 43
________________ धारण विधि : बहुत से व्यक्ति दो मोतियों की माला ही धारण करते हैं । जोकि काफी वजनदार और मूल्यवान हो जाती है । मोती कम से कम सवा चार रत्ती का पहनना चाहिये । इससे अधिक हो तो और अच्छा है। मोती को चाँदी या पंचधातु की अंगूठी में जड़वा लेना चाहिए। सोमवार के दिन सायंकाल स्वच्छ जल का लौटा लो, उसमें थोड़ा कच्चा दूध डालो, उस लोटे में अंगूठी को छोड़ दो । जल को भगवान शिव की पिण्डी पर चढ़ा दें। अपनी मनोकामना प्रकट करते हुए अंगूठी को भगवान शिव से स्पर्श करके कनकी अंगूली या उसके साथ वाली में पहन लेना चाहिये । इसको धारण करने के बाद किसी प्रकार का परहेज नहीं है, कल्पनाशील, भावुक व्यक्तियों के लिये मोती अति गुणकारी है । STONOS I क्वालिटी III क्वालिटी मोती का मूल्य प्रति रत्ती : स्पेशल क्वालिटी II क्वालिटी १०० से १५० तक ५० से ६० ३० से ४० १५ से २५ रु० मीन मुक्ता रेट २५ रुपये रत्ती से प्रारम्भ "शिव रत्न केन्द्र" पर मोतियों की माला मिलती हैं। आयुर्वेदिक औषधि मोती की पिस्टी और भस्मी भी उपलब्ध है। आर्डर देकर मंगवा सकते हैं । जानकारी के लिए मिलें या लिखेंयोगीराज मूलचन्द खत्री एवम् श्रीमती सुशीला खत्री शिव रत्न केन्द्र (रजि०) सन्तल सराय, ऊपरी मञ्जिल, गऊघाट, हरिद्वार रत्न ज्ञान [३३] Jain Education International - For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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