Book Title: Ratnagyan
Author(s): Yogiraj Mulchand Khatri
Publisher: Shiv Ratna Kendra Haridwar

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Page 70
________________ एमेथीस-(जामुनिया) का उपरत्न है। टाईगर-(पासन) लहसुनिया के नाम से बिकता है । ओपल-मोती व हीरे का काम करता है। धुनैला-इसे स्मोकिंग टोपाज कहते हैं। यह एक शक शौकिया पत्थर है। ब्लैक स्टार-यह शनि की शान्ति के लिये पहना जाता है। फिरोजा-हर मटमैले कलर में होता है। मुसीबत में पड़ा इन्सान इसे पहन लें तो तुरन्त अपना प्रभाव दिखाता है। वेरुज-नीले, हरे सफेद रंग का होता है। विक्रान्त-तुरमली हीरे का उपरत्न है। गौदन्ता-मूलस्टोन को कहते हैं। लालड़ी-माणिक की जगह पहना जाता है। लाजवर्त-शनि का पत्थर है। कटहैला-जामुनी रंग का होता है। दानाफिरङ्ग-गुर्दे के दर्द में फायदा करता है। मारियम-यह बवासीर में फायदा करता है। हजरते बेर-सभी प्रकार के दर्दी में फायदा करता है। हकीक-मारबल स्टोन, खेल-खिलौने बनाने का एक शुद्ध पत्थर राशि में फायदा करता है। यह कई रंगों में पाया जाता है, इसमें अनेक क्वालिटी होती है, यह सस्ता व मंहगा दोनों प्रकार का होता है। [५८) रत्न ज्ञान Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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